नए साल के अवसर पर आईपीएस अजय कुमार द्वारा विरचित लाइनें
हे जग जीवन के स्वामी ! हम करते कोटि प्रणाम तुम्हें !
पग पग पर हर पल हम पाते, अनुपम करूणाधाम तुम्हें ।
पालन पोषण रक्षण करते, भरते मन, विरक्ति देकर तुम ।
परहित नित योजित करते हो, तन मन शक्ति, भक्ति देकर तुम
बन बलवान, हो विद्वान, अमल अचल मन, बन श्रीमान ।
परहित निरत निरन्तर हों हम, सर्वे 'भवन्तु सुखिनः सोऽहम्
जीवन सरल सबल तन मन, छल राग द्वेष से मुक्त रहें हम
सम सेवा सन्तोष सिद्ध कर, उत्तम संगति युक्त रहें हम
बुरा ना देखें, बुरा कहें ना, बुरा सुनें हम कभी नहीं ।
संगति से गुण अवगुण होते, मन्त्र ये भूलें कभी नहीं
आस्था संयम कर्मठता को, सूत्र सफलता के मानें
साहस उमंग मानस भर कर, हम निज स्वरूप खुद पहचानें
एकाग्रचित्त नित होकर ही, हम लक्ष्य भेद सदकर्म करें ।
धीरज धर्म मर्म को समझें, अनासक्त हो कर्म करें
सत पथ पर हम चलें हमेशा, भूल कोई हम से हो ना ।
कठिन परिश्रम के प्रकाश से जग मग हो कोना कोना
हुई जो गलती माफी चाहें, हरगिज़ ना लें किसी की आहें
गढ़ें शान से अपनी राहें, मदद करें फैला कर बाहें
करें माफ उन सबको जिसने, धोखा देकर घात किया ।
धन्यवाद ! उन सबको, जिसने थोड़ा सा भी साथ दिया ।
मातु पिता तुम, बन्धु सखा तुम, कितने दें हम नाम तुम्हें ।
हे जग जीवन के स्वामी ! हम करते कोटि प्रणाम तुम्हें !!
उपर्युक्त लाइने आईपीएस अजय कुमार द्वारा विरचित है
आईपीएस अजय कुमार बतौर कमाण्डैंट पीएसी 38 बटालियन पीएसी अलीगढ़) में अपनी सेवाएँ दे रहे है
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