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नारी के लिए सुसंस्कार ही परम आभूषणसुसंस्कार ही परम सौन्दर्य रवि शास्त्री

नारी के लिए सुसंस्कार ही परम आभूषण
सुसंस्कार ही परम सौन्दर्य रवि शास्त्री

 रिपोर्ट सुरेंद्र मलनिया बागपत उत्तर प्रदेश।

जिला आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद बागपत के द्वारा चौधरी केहर सिंह इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल बड़ौत में व्यक्तित्व विकास एवं योग शिविर के द्वितीय दिन बेटियों ने योगासन सीखें। योगाचार्य रवि शास्त्री ने बेटियों को शवासन, उत्तानपादासन, हलासन, पश्चिमोत्तानासन, ताड़ासन, गोमुखासन आदि आसनों का अभ्यास कराते हुए कहा नारी के लिए सुसंस्कार ही परम सौन्दर्य होता है। संस्कारों से पूर्ण होना ही नारी के आभूषण होते हैं। वर्तमान समय में बेटियों को बनावटी सौन्दर्य की अपेक्षा अच्छी विचारधारा का संग्रह करना चाहिए। अच्छे विचारों के द्वारा ही आप अपना लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर सकती हैं। हमें प्रतिदिन 24 घंटे में से 24 मिनट का समय अपने शरीर के लिए अवश्य निकालना चाहिए। जिस प्रकार से व्यक्ति शरीर को चलाने के लिए भोजन करता है। ठीक उसी प्रकार से हमें मन की शांति के लिए प्रतिदिन ध्यान का अभ्यास करना चाहिए। ऐसा करने से हम शांति के साथ अपने जीवन के सफर को आगे बढ़ाते हुए लक्ष्य की प्राप्ति तक पहुंच सकेंगे।
इस अवसर पर चेयरमैन आर पी सिंह तोमर, सचिव डॉ मनीष तोमर, डॉ गीतांजलि तोमर, प्रदीप शर्मा ,रामपाल सिंह ,प्राचार्य स्वाति पाटन वाल, विप्रा, भावना शर्मा, मोहित कुमार, अलका, गरिमा, अनामिका, प्रतिभा, जैनम ,शिवम ,कुलदीप आदि उपस्थित रहे।

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