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चिकन पॉक्स को छोटी या बड़ी माता का रुप ना समझें, ले उचित सलाह डॉक्टर से

चिकन पॉक्स को छोटी या बड़ी माता का रुप ना समझें, ले उचित सलाह डॉक्टर से


रिपोर्ट. शास्त्र तिवारी न्यूज़ 24 इडिया बहराइच उत्तर प्रदेश

कैसरगंज।चिकन पाक्स छोटी माता या बड़ी माता का रूप नहीं होता है। बल्कि यह वायरस से होने वाली एक संक्रमक बीमारी है। वेरीसेला जोस्टर नामक वायरस इस संक्रमक का मुख्य कारण है जो खांँसने छींकने या रोगी के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। होम्योपैथिक चिकित्सा में इस बीमारी का कारगर इलाज है।कैसरगंज मुख्यालय के निकट बरखुरद्वारापुर चौराहे पर स्थित जीएम क्लिनिक के निदेशक डॉ योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि लोगों को चिकन पाक्स से घबराना नहीं चाहिए और ना ही दवा लेने से परहेज करना चाहिए होम्योपैथिक में इस बीमारी का इलाज पूरी तरह से संभव है।इस दवा को लेने से कोई भी साइड इफेक्ट भी मरीज को नहीं होता है।इस बीमारी में यह इलाज पूरी तरह से सुरक्षित है इसलिए इलाज ना कराने की भ्रांति से लोगों को दूर रहना चाहिए डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने यह भी बताया कि चिकन पाक्स ना होने देने के लिए बचाव के तौर पर भी यहां दवा दी जाती है जिससे यह बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है यदि परिवार में किसी एक व्यक्ति को चिकन पॉक्स हो जाए तो अन्य व्यक्ति यदि संक्रमण होने से पहले बचाव के तौर पर दी जाने वाली होम्योपैथिक खुराक को इस्तेमाल करें तो उनमें चिकन पाक्स के विरोध में प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने लगती है। जिससे यह बीमारी अन्य लोगों में नहीं फैलती है जिस परिवार में कोई व्यक्ति पीड़ित नहीं है वह लोग भी यह खुराक ले सकते हैं इससे उन्हें बीमारी होने की संभावना कम हो जाती है चिकन पॉक्स से निजात दिलाने के लिए कई तरह की होम्योपैथिक दवाइयां मौजूद हैं दवाइयां 3 से 7 दिन तक दी जाती हैं इसमें खट्टी मीठी मसालेदार चीजें मरीज को देना मना होता है।

*बचाव*
1:पीड़ित व्यक्ति को अन्य लोगों के संपर्क में ना आने दे।
2:घर की खिड़कियां और दरवाजे पूरी तरह से बंद ना करें।
3:खाने पीने में तरल खाद पदार्थ जैसे छाछ दही खिचड़ी दलिया दाल जूस ताजा फल आदि का इस्तेमाल करें।
4:पपड़ी सूखने की स्थिति में भी अन्य लोगों के संपर्क में न आने दें।

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