करोना काल में टीबी रोगी रहें सावधान अपना इलाज बीच में न छोड़ें
रिपोर्टर --- मनोज अग्रहरि News24 इंडिया अमेठी
*अमेठी* जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में टीबी रोगी सावधान रहें और अपना इलाज बीच में न छोड़ें। क्षय रोग को छिपाएं नहीं बताएं जिससे क्षय रोग से मुक्ति पा सके,उन्होंने बताया कि जब तक जनसामान्य किसी भी काम में सहयोग नहीं करता है,वह काम पूरा नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि टीबी रोग को हल्के में नहीं लेना चाहिए इसका अगर समय से उपचार नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है। टीबी की बीमारी का सीधा प्रभाव छाती पर पड़ता है। कभी-कभी सांस लेने में भी परेशानी हो जाती है। कोरोना काल में टीबी मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करते रहना चाहिए। आम तौर पर कुछ मरीज बीच में ही दवा छोड़ देते हैं। कोरोना काल में इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि टीबी बीमारी मरीज के खाँसते और छींकते समय मुँह और नाक से निकलने वाली बारीक बूंदों से फैलती है। यह शरीर के जिस हिस्से में होती है,उसका सही इलाज न हो तो उसे बेकार कर देती है, इसलिए टीबी के लक्षण नजर आने पर अपनी जाँच और इलाज जरुर करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि आईकानिक वीक ऑफ़ हेल्थ 9 जनवरी तक मनाया जायेगा इस दौरान विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी। 6 जनवरी को स्कूल, कालेज, मदरसा,एनसीसी और एनएसएस के छात्रों को, 7 और 8 जनवरी को धर्मगुरुओं को और 9 जनवरी को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक, नुककड़ नाटक आदि के माध्यम से जनसामान्य को क्षय रोग के प्रति जागरूक किया जायेगा जिससे इस रोग पर काबू पाया जा सके। उन्होंने बताया कि जिले में एक जनवरी 2021 से अब तक कुल 2508 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। जिसमे 62 एमडीआर टीबी के रोगी हैं। अप्रैल वर्ष 2018 से अब तक टीबी रोगियों को निःक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह के हिसाब से लगभग 1 करोड़ 91 लाख 45 हजार रूपये का भुगतान किया गया।
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