जिला संवाददाता पारसनाथ ✍️✍️✍️✍️✍️ न्यूज 24 इंडिया जनता की आवाज। जनपद अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश। रामअचल राजभर ने बिगाड़ा राममूर्ति वर्मा का गणित
अंबेडकरनगर सेनापति को युद्ध के हर कला कौशल का ज्ञान होता है। ऐसे में अगर युद्ध शुरू होने के कुछ समय पहले सेनापति बदल जाए तो हार का भी डर बराबर बना रहता है। बात हो रही है अंबेडकरनगर की अकबरपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री राममूर्ति वर्मा की। राममूर्ति जिले में बड़े कुर्मी चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। 2017 में वह चुनाव हारे, लेकिन जनता से दूरी नहीं बनाई। वह जनता के सुख-दुख में भागीदार बनने के साथ बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को मजबूत करते रहे।आजमगढ़ से पार्टी लड़ा सकती है चुनाव ।राममूर्ति वर्मा अपनी हार का 5 साल मंथन करते हुए लोगों के बीच पहुंचते रहे। चाहे किसी का मांगलिक कार्यक्रम, घटना या दुर्घटना हो, राममूर्ति वर्मा क्षेत्र में लोगों के साथ खड़े मिले। ऐसे में अब बीएसपी के बागी रामअचल राजभर के सपा में आने के बाद से राममूर्ति का टिकट कटना तय माना जा रहा है और उन्हें आजमगढ़ से किसी सीट से लड़ाए जाने की तैयारी अंदर खाने में चल रही है।अकबरपुर ब्लॉक प्रमुख की सीट जिताकर बताई अपनी राजनीतिक हैसियत।
राम मूर्ति वर्मा ने 5 साल सपा के सेनापति के रूप में जहां बूथ स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत किया तो वहीं अकबरपुर से समाजवादी पार्टी का ब्लॉक प्रमुख देविका वर्मा को बनवाकर अपने जातिगत वोटों को सहेज रखा। जिसकी बदौलत उन्होंने पार्टी और अपनी बिरादरी में दबदबा कायम रखा। ऐसे में अब अगर राममूर्ति वर्मा को कहीं और से चुनाव लड़ाया जाता है तो राममूर्ति के परंपरागत वोट के बिखरने की संभावना रहेगी।
इसके चलते विधानसभा में दूसरे नंबर पर वोटों की संख्या रखने वाली कुर्मी बिरादरी बिदक कर सियासी समीकरण को बदल देगी। इसकी वजह से चुनाव का परिणाम दूसरे पाले में जा सकता है।
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