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This Discussed Assistant of DPO Office of ICDS, whereby,

आईसीडीएस के डीपीओ कार्यालय का यह चर्चित सहायक, जिससे

जिले में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत सभी विकास खण्डों में संचालित परियोजनाओं की चाभी जिला मुख्यालय स्थित विभागीय कार्यालय के एक अत्यन्त घाघ, दक्ष, वाक्पटु एवं प्रभावशाली, रसूखदार सहायक के हाथों में है। उक्त बातें मीडिया के सुपुष्ट सूत्र खबरीलाल ने बताईं। 
उनके अनुसार बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यालय में डीपीओ को लेकर लगभग 1 दर्जन विभागीय मुलाजिम कार्यरत हैं। डीपीओ अब तक के सर्वाधिक सीधे-सादे व्यक्तियों में शुमार हैं। इस बड़े विभाग के संचालन का दारोमदार इसी सहायक पर निर्भर है। सभी ब्लाकों के सीडीपीओ, सुपरवाइजर एवं गाँव स्तर पर संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों और एन.आर.सी. पर तैनात कर्मियों के कार्यों का सम्पादन एवं निष्पादन इसी सहायक द्वारा किया जाता है। लाखों की कमाई करने वाला यह सहायक बड़ा ही हंसमुख और सरल तो दिखता है परन्तु धन कमाने के लिए सभी प्रकार की मक्कारियों की हदें तोड़ देता है। यह चर्चित सहायक एक दशक से डीपीओ कार्यालय में अपने क्रिया-कलापों का परचम बुलन्द कर रखा है। 
विभाग में हर किसी की जुबान पर डीपीओ कार्यालय में कार्यरत कथित तेज-तर्रार, कमाऊ सहायक का नाम रहता है। जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तैनात कार्यकर्ति, मिनी कार्यकर्ति एवं सहायिकाएँ इस बाबू के खाऊ-कमाऊ रवैय्ये से त्रस्त आ गई हैं। यह बाबू अपने स्वजातीय एवं मुँहलगे विभागीय कर्मियों के सहयोग से बच्चों एवं महिलाओं का पुष्टाहार खुले मार्केट में बेंचकर लाखों रूपए प्रतिमाह की कमाई कर रहा है। 
खबरीलाल ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तैनात कर्मचारियों को इस बाबू के खाऊ-कमाऊ नीति की वजह से पुष्टाहार एवं अन्य सामग्रियाँ मार्केट में बेंचनी पड़ रही है। अत्यन्त गम्भीर मुद्रा बनाते हुए खबरीलाल ने कहा कि यह अत्यन्त शोचनीय विषय है। इस बाचाल, मनबढ़, दबंग, कमाऊ सहायक के क्रिया-कलापों पर रोक लगाई जानी चाहिए, परन्तु कौन ऐसा करे। क्योंकि इसकी पहुँच सत्ता के गलियारे में बहुत ऊपर तक है। यह बाबू जब भी मिलता है तभी विभाग का बंटाढार होने की बात करता है। पैसे-पैसे की मोहताजी बताता है। जबकि वास्तविकता इससे ठीक विपरीत है। 
इस सहायक के बारे में खबरीलाल ने बताया कि यह सत्तापक्ष के वर्तमान/निवर्तमान जनपदस्तरीय पार्टी पदाधिकारियों का रिश्तेदार है। स्वजातीय माननीयों, मीडिया कर्मियों के बल पर यह सहायक डीपीओ (आईसीडीएस), सीडीपीओ, सुपरवाइजर पर बेजा प्रभाव डालता है और गाँव स्तर पर मानदेय भोगी आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों का आर्थिक शोषण करता है। 
खबरीलाल ने बताया कि यह प्रदेश सरकार मे सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी का स्वजातीय तो है ही साथ ही घनिष्ठ रिश्तेदार भी है। इसीलिए मनबढ़ होकर कार्य कर रहा है। डीपीओ एवं अन्य विभागीय अधिकारी, कर्मचारी इसकी बात मानने को विवश होते हैं। कई स्वजातीय सीडीपीओ इसकी सह पर विभाग में लूटमलूट मचाये हुए हैं। ऊपर से ढिंढोरा पीटते हैं कि विभाग में कुछ रह नहीं गया है। हम लोगों को बहुत दिक्कतें आ रही हैं, सैलरी मिलना मुश्किल है। यदि यही स्थिति रही तो विभाग का मोह त्यागना पड़ेगा। 

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