शरद पवार ने की PM मोदी की तारीफ, कहा- पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी ऐसी शैली
रिपोर्ट. बृजेश कुमार अग्रहरि न्यूज़ 24 इडिया
पूर्व की यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहेई 81 साल के एनसीपी चीफ शरद पवार ने PM नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. एक कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशासन पर अच्छी पकड़ है और यही उनका मजबूत पक्ष है. पवार ने इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर अपनी राय रखी.
शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज की शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक बार जब वह कोई कार्य करते हैं, तो वह इसे पूरा करना सुनिश्चित करते हैं. पवार ने कहा कि मोदी बहुत प्रयास करते हैं और काम पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देते हैं. उन्होंने कहा कि मोदी का स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वह किसी भी कार्य को हाथ में लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित करेंगे कि जब तक वह (कार्य) अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाता, तब तक वह नहीं रुकेगा.
पवार ने कहा कि पीएम इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी सरकार की नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और उनके सहयोगी एक साथ कैसे आ सकते हैं. मोदी के पास अपने सहयोगियों को साथ ले जाने का एक अलग तरीका है और वह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी.
पवार ने कहा कि मेरी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राय थी कि तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरे अलावा यूपीए सरकार में कोई अन्य मंत्री नहीं था जो मोदी से बातचीत कर सके क्योंकि वह मनमोहन सिंह सरकार पर लगातार हमला करते थे. पवार ने कहा कि जब मोदी गुजरात के सीएम थे, मैं केंद्र में था. जब पीएम सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाते थे, मोदी भाजपा शासित राज्यों के सीएम के एक समूह का नेतृत्व करते थे और केंद्र पर हमला करते थे. उन्होंने कहा कि तो ऐसी स्थिति में मोदी को कैसे जवाब दिया जाए, इस पर रणनीति बनाई जाती थी.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि यूपीए की आंतरिक बैठकों में वह उपस्थित सभी लोगों से कहते थे कि भले ही उनके और मोदी और उनकी पार्टी भाजपा के बीच मतभेद हों, किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा कि मैं बैठकों में कहा करता था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक राज्य के सीएम हैं और लोगों ने उन्हें जनादेश दिया है. अगर वह यहां मुद्दों के साथ आ रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि मतभेदों का समाधान हो और हित उनके राज्य के लोग प्रभावित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने उनकी राय का समर्थन किया.
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