On CDO's initiative, Madal Banega Thariyakal
*सीडीओ की पहल पर कूड़ा निस्तारण का माडल बनेगा थरियाकला*
अंबेडकरनगर: गांवों से गंदगी भगाकर स्वच्छता का माडल बनाने के लिए सीडीओ घनश्याम मीणा ने खास पहल की है। कचरे को गांव की आमदनी का स्त्रोत एवं खेतों के लिए खाद देने का जरिया बनाने का खाका तैयार हुआ है। सीडीओ की खास दिलचस्पी को देखते हुए अधिकारी इसे एक महीने में क्रियाशील करने में जुट गए हैं। इसके लिए भीटी ब्लाक के गांव थरियाकला में पंचायत भवन के पास भूमि चिन्हित की गई है। स्वच्छ भारत मिशन की ओडीएफ प्लस योजना में इसे चुना गया है। मंडल में यह पहली माडल ग्राम पंचायत होगी। इसकी सफलता के बाद प्रत्येक गांव में इसे बनाया जाएगा।
करीब दस लाख रुपये की लागत से यहां 96 वर्गमीटर में कूड़ा निस्तारण का खास प्लांट लगाया जाएगा। इसमें शेड का निर्माण और संसाधन समेत मशीनों को लगाया जाएगा। यहां सूखे कचरे से ईंट और गीले कचरे से खाद बनेगी। गंदगी उठाने के लिए रिक्शा या ठेला खरीदा जाएगा।समूह की महिलाओं को मिली कमान : स्वच्छता की इस मंशा को सफल बनाने की कमान समूह की महिलाओं को सौंपा जाएगा। सफाई कर्मियों की मदद से एनआरएलएम समूह की महिलाएं घरों से कूड़ा एकत्र कर इसे कूड़ा अड्डा तक पहुंचाएंगी। यहां से इसे प्लांट तक लाया जाएगा। इसके बाद सूखे व गीले कचरे को अलग करेंगी। गीले कचरे से खाद एवं सूखे कचरे से ईंट तैयार कर गांव के मार्ग बनाने में प्रयोग होगा। ग्राम पंचायत का भ्रमण कर भूमि को चिन्हित कर लिया गया है। इंजीनियरिग कालेज के निदेशक से भी इसके बारे में सलाह लेते हुए कूड़ा निस्तारण प्लांट के निर्माण की कवायद शुरू हुई है। मनरेगा के तहत प्राथमिक स्तर पर काम शुरू कराने के लिए एपीओ को निर्देशित किया गया है।अवनीश श्रीवास्तव, डीपीआरओ माडल के तौर पर कूड़ा निस्तारण प्लांट को एक गांव में विकसित किया जा रहा है। इसके सफल होने पर बाकी गांवों में निर्माण कराया जाएगा। इससे गांवों में गंदगी दूर होने के साथ ही कचरे का निस्तारण कर खाद व ईंट बनाने से गांव की आमदनी भी बढ़ेगी।
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