In total, 9868 suits were fixed,
*कुल मिलाकर 9868 वाद नियत किये गये*
पद्म नारायण मिश्र, जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर की अध्यक्षता में एवं विश्वनाथ, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रत्नेश मणि त्रिपाठी, विशेष न्यायाधीश, एस०सी० / एस०टी० एक्ट / नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत एवं प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की उपस्थिति में सभी बैंकों के जिला स्तर अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन कोविङ–19 को दृष्टिगत रखते हुए सावधानी पूर्वक किया गया। बैठक में बैंकों की ओर से ए०के० पाण्डेय, रीजनल मैनेजर, बैंक ऑफ बड़ौदा, आशीष सिंह अग्रणी जिला प्रबन्धक, बैंक ऑफ बड़ौदा, मयंक श्रीवास्तव, जिला समन्वयक, पंजाब नेशनल बैंक आदित्य विक्रम सिंह, प्रबन्धक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, प्रिंस कुमार, प्रबन्धक, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, प्रशांत जैसवाल, प्रबन्धक, यूको बैंक, राजेश कुमार, वरिष्ठ प्रबन्धक, केनरा बैंक, शाश्वत त्यागी, प्रबन्धक, केनरा बैंक, जगधारी पाठक, प्रबन्धक इण्डियन बैंक, पीयूष कुमार, प्रबन्धक, बैंक ऑफ इण्डिया, रजत मान सिंह प्रबन्धक यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, ओम प्रकाश प्रबन्धक, उ0प्र0 बड़ौदा ग्रामीण बैंक, श्री मनोज कुमार सिंह, जिला समन्दयक, भारतीय स्टेट बैंक, बैठक हेतु उपस्थित हुये।इस बैठक मेंजनपद न्यायाधीश अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर को अग्रणी जिला प्रबन्धक, बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा बताया गया कि ऑफ बड़ौदा की तरफ से अब तक 5000 याद, उ०प्र० बड़ौदा ग्रामीण बैंक द्वारा 500 वाद, पंजाब नेशनल बैंक द्वारा अब तक 1200 वाद, तथा बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा 74, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया 298 वाद, इण्डियन बैंक द्वारा 150 वाद, केनरा बैंक द्वारा 70 वाद, पंजाब एंड सिंध बैंक द्वारा 03 वाद, बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा 11 वाद व यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा 862 वाद एवं भारतीय स्टेट बैंक द्वारा अब तक 1700 वाद सहित कुल मिलाकर 9868 वाद नियत किये गये हैं। जनपद न्यायाधीश द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा उपस्थित सभी बैंक अधिकारीगण को निर्देशित किया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों की पत्रावली कार्यालय में समय से उपलब्ध करायें जिससे कि नोटिसों का तामील ससमय कराया जा सके व आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाया जा सके। सभी उपस्थित बैंक अधिकारीगण द्वारा अधिक से अधिक की संख्या में वादों के निस्तारण हेतु कहा गया है। सभी अधिकारियोंद्वारानिर्देशानुसार कार्य करने एवं लोक अदालत की सफलता हेतु अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। किसी अधिकारी द्वारा किसी भी समस्या की तरफ ध्यान आकृष्ट नहीं कराया गया है।
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