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नगालैंड में विवादित कानून AFSPA को छह महीने के लिए बढ़ाया गया

*नगालैंड में विवादित कानून AFSPA को छह महीने के लिए बढ़ाया गया*

बृजेश कुमार अग्रहरि न्यूज़ 24 इंडिया

नगालैंड में विवादित कानून सशस्त्र बल (विशेष) अधिकार अधिनियम को 6 महीने यानी 30 जून 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. यह कानून सेना को राज्य के अशांत क्षेत्र में कहीं भी स्वतंत्र रूप से संचालित करने के लिए व्यापक अधिकार देता है. जिन क्षेत्रों में एएफएसपीए लागू है, वहां किसी भी सैन्यकर्मी को केंद्र की मंजूरी के बिना हटाया या परेशान नहीं जा सकता है. इसके अलावा इस कानून को उन इलाकों में भी लगाया जाता है जहां पुलिस और अर्द्धसैनिक बल आतंकवाद, उग्रवाद या फिर बाहरी ताकतों से लड़ने में नाकाम साबित होती हैं.

इस कानून के तहत सैनिकों को कई विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं, जैसे- किसी को बिना वॉरेंट के गिरफ्तार करना और संदिग्ध के घर में घुसकर जांच करने का अधिकार, पहली चेतावनी के बाद अगर संदिग्घ नहीं मानता है तो उस पर गोली चलाने का अधिकार. गोली चलाने के लिए किसी के भी आदेश का इंतजार नहीं करना, उस गोली से किसी की मौत होती है तो सैनिक पर हत्या का मुकदमा भी नहीं चलाया जा सकता. अगर राज्य सरकार या पुलिस प्रशासन, किसी सौनिक या सेना की टुकड़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करती है तो कोर्ट में उसके अभियोग के लिए केंद्र सरकार की इजाजत जरूरी होती है.

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