नहीं मिली राशि, ठिठुर रहे 88 हजार नौनिहाल
*नहीं मिली राशि, ठिठुर रहे 88 हजार नौनिहाल*
अंबेडकरनगर। परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को ड्रेस, स्वेटर, जूता, मोजा व स्कूल बैग उपलब्ध कराने की योजना जिले में पूरी तरह से धराशायी हो गई है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित 1582 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे 2 लाख 31 हजार 601 छात्र-छात्राओं की तुलना में 88 हजार 343 बच्चों के अभिभावकों के खाते में संबंधित सामग्री की खरीदारी के लिए 1100 रुपये की राशि नहीं भेजी जा सकी है।बीते दिनों एक लाख 21 हजार 258 छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में राशि भेजी गई थी, जबकि 26 हजार छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में बृहस्पतिवार को रुपये भेजे गए। ऐसे में अब तक एक लाख 47 हजार 343 छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में राशि भेजी जा चुकी है। जिन छात्र-छात्राओं केअभिभावकों के खाते में राशि नहीं भेजी जा सकी है, उनमें कुछ के अकाउंट बंद हैं, तो ज्यादातर के आधार कार्ड नंबर गलत फीड हैं। इन्हें दुरुस्त कराने के निर्देश जिम्मेदारों को दिए गए हैं।परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को समय पर ड्रेस, स्वेटर, जूता, मोजा व बैग मिल सके, इसके लिए शासन ने पहली बार डीबीटी योजना के तहतछात्र-छात्राओं केअभिभावकों के खाते में राशि भेजने की घोषणा की थी। योजना के तहत अभिभावकों के खाते में 1100 रुपये भेजे जाने का प्राविधान रखा गया था। छात्र-छात्राओं को समय रहते योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए शासन स्तर पर बीएसए कार्यालय से छात्र-छात्राओं की सूची मांगी गई थी। इसमें छात्र-छात्राओं के नाम के साथ ही उनके अभिभावकों का खाता नंबर व उनका आधार कार्ड नंबर भी फीड किए जाने का निर्देश दिया गया था। योजना का समुचित लाभ दिलाने के लिए बीएसए कार्यालय से शासन को 2 लाख 31 हजार 601 छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों की सूची शासन को भेज दी गई।बीतेे दिनों ही शासन ने जिले के एक लाख 21 हजार 258छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में 1100 रुपये भेज दिए गए। 26 हजार छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में बृहस्पतिवार को 1100 रुपये की राशि भेज दी गई। ऐसे में अब तक एक लाख 47 हजार 258 छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में राशि भेज दी गई। शेष 88 हजार 343 छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में योजना के तहत राशि अब तक नहीं भेजी जा सकी है।
ऐसे में संबंधित छात्र-छात्राएं योजना के लाभ से वंचित हैं। कड़ाके की ठंड शुरू हो चुकी है। ऐसे में अभिभावकों के खाते में राशि न पहुंचने से एक तरफ जहां बगैर ड्रेस के संबंधित छात्र-छात्राएं विद्यालय जाने को मजबूर हो रहे हैं, तो वहीं स्वेटर न होने से ठंड मेें छात्र-छात्राओं को ठिठुरना पड़ता है। जो 1100 रुपये की राशि अभिभावकों के खाते में भेजी जा रही है, उसमें 600 रुपये में दो जोड़ी ड्रेस, 175 रुपये में स्कूली बैग, 200 रुपये में स्वेटर व जूता-मोजा 125 रुपये में खरीदा जाना है। बीएसए कार्यालय के अनुसार जिन छात्र-छात्राओं केअभिभावकों के खाते में राशि नहीं गई है, उनके खाते व आधार नंबर में कुछ गड़बड़ी थी। शासन के निर्देश पर इसे दुरुस्त कर लिया गया है।
जल्द खरीद लें जरूरी सामग्री
जिन अभिभावकों के खाते में राशि पहुंच गई है, वे जल्द से जल्द ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा व बैग खरीद लें। साथ ही इसकी जानकारी संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक को दें। यह अपील बीएसए कार्यालय के जिला समन्वयक प्रशिक्षण सुरेश तिवारी ने अभिभावकों से की है। उन्होंने कहा कि जिस कार्य के लिए राशि भेजी गई है, उसका प्रयोग उसी कार्य में करें। किसी दूसरे कार्य में बच्चों का पैसा न लगाएं।जल्द भेज दी जाएगी धनराशि 88 हजार 343 छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में 1100 रुपये की राशि नहीं पहुंच सकी है। खाता नंबर व आधार नंबर में कुछ गड़बड़ी थी, जिसे दुरुस्त कर लिया गया है। शीघ्र ही संबंधित छात्र-छात्राओं के खाते में राशि पहुंच जाएगी।
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