पहले की नियुक्ति, फिर मांगी स्वीकृति
*पहले की नियुक्ति, फिर मांगी स्वीकृति*
अंबेडकरनगर : जिला मुख्यालय स्थित जीके जेटली इंटर कालेज में परिचारकों की नियुक्ति में बड़ी धांधली सामने आई है। मनमानी का आलम यह रहा कि कालेज प्रबंधन ने नौकरी पहले दे दी और इसकी स्वीकृति लेने को फाइल डीआइओएस कार्यालय बाद में भेजी। नियम विरुद्ध नियुक्ति होने के नाते तत्कालीन डीआइओएस ने इसे खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय में भी इस तथ्य को छिपाकर वहां से वेतन जारी कराने का आदेश करा लिया गया। अब इसका राजफाश होने से कालेज में खलबली मची है। शिकायत के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक के आदेश पर डीआइओएस मामले की जांच कर रहे हैं। यहां नियुक्ति के लिए बने चयन चार्ट में परिचारक सुनील कुमार श्रीवास्तव समेत उसके परिवार के छह सदस्यों को शामिल कर दो जुलाई 2015 को फर्जी अभिलेखों के आधार पर उसका चयन कर लिया गया। इसके उपरांत भुगतान के अनुमोदन हेतु पत्रावली जिला विद्यालय निरीक्षक के समक्ष प्रस्तुत की गई। तत्कालीन डीआइओएस ने नियुक्ति निरस्त कर दी। प्रधानाचार्य ने इस तथ्य को छिपाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्णय लेने का आदेश दिया। इसी दौरान तत्कालीन प्रधानाचार्य डा. शिवहर्ष सिंह का स्थानांतरण सुलतानपुर जनपद हो गया। कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पद पर विनय कुमार गौतम की तैनाती हुई। प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य विनय कुमार गौतम ने तथ्यों को छिपाकर डीआइओएस से परिचारक सुनील कुमार श्रीवास्तव का वेतन भुगतान कराने की स्वीकृति हासिल कर ली।
वहीं, 31 जनवरी 2016 को रामकेश के परिचारक पद से सेवानिवृत होने के बाद रिक्त हुए पद पर प्रबंध समिति के सदस्य जितेंद्र बहादुर सिंह के पुत्र सुरेंद्र विक्रम सिंह की नियुक्ति कर वेतन भुगतान की फाइल डीआइओएस कार्यालय भेजी डीआइओएस ने इसे अवैधानिक बताते हुए निरस्त कर दिया। प्रबंधक और प्रधानाचार्य ने पुन: पूरी व्यवस्था को गुमराह कर सुरेंद्र विक्रम सिंह के वेतन भुगतान की स्वीकृति तीन मई 2016 को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से हासिल कर ली जिला विद्यालय निरीक्षक से जांच आख्या मांगी गई है। दोषी पाए जाने पर दोनों नियुक्तियां निरस्त करने के साथ इस खेल में शामिल जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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