एकादशी पर परिक्रमा की राह में पग-पग बिछीं नुकीली गिट्टियां
*एकादशी पर परिक्रमा की राह में पग-पग बिछीं नुकीली गिट्टियां*
अंबेडकरनगर: देवोत्थानी एकादशी पर सोमवार को श्रवण कुमार की निर्वाण स्थली श्रवणधाम से सप्तकोसी परिक्रमा शुरू होगी। इस बार परिक्रमार्थियों को घाट से लेकर मार्ग तक दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा। परिक्रमा मार्ग पर पहितीपुर से अन्नावा तक सात किमी सड़क पर बिछाई गई गिट्टियों के रास्ते नंगे पांव चलना श्रद्धालुओं के लिए परीक्षा होगी। इस बार उन्हें पग-पग नुकीले पत्थरों के ऊपर से गुजरने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। हालांकि स्थानीय संत, महात्मा दो वर्ष बाद परिक्रमा के आयोजन से उत्साहित हैं।
परिक्रमा की तिथि सुनिश्चित होने के बावजूद कंकरीली व पथरीली सड़कों की न मरम्मत की गई और न ही कोई तैयारी हुई। धाम के मुख्य मंदिरों की रंगाई-पुताई पुजारी द्वारा निजी स्तर से कराई जा रही है। कोरोना काल में दो साल तक परिक्रमा नहीं होने से इस बार काफी उल्लास की उम्मीद है। परिक्रमार्थियों के स्नान, दान, धार्मिक अनुष्ठान के लिए तमसा के संगम स्थल पर बने पक्के घाट गंदगी व दुर्गा प्रतिमाओं के अवशेषों से पटे हैं। रास्ते, प्रकाश व पेयजल की व्यवस्था शून्य है। पहितीपुर से अन्नावा तक सात किमी लंबा मार्ग करीब छह माह से चौड़ीकरण के तहत निर्माणाधीन है। जिला मुख्यालय पर जाम से निजात के लिए प्रशासन इस मार्ग को बाईपास के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। मार्ग पर डाली गई नुकीली गिट्टियां देख श्रद्धालु परेशान हैं। बाढ़ के दौरान पानी के साथ बहकर आई गंदगी तमसा तट पर बिखरी है और इससे दुर्गंध उठ रही है।खाने-रहने की चल रही व्यवस्था: मंदिर की मुख्य पुजारी राजपत्ती देवी उर्फ बच्चीदास ने बताया कि मुख्य समेत विभिन्न मंदिरों की मरम्मत, रंगाई-पुताई, सफाई का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। परिक्रमा से पहले मंदिरों को चमाचम कर दिया जाएगा। श्रद्धालुओं के रहने, खाने, ठहरने की व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है। मेला समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश गोस्वामी ने बताया कि तमसा तट, सीढि़यां, घाट, परिसर की सफाई की जिम्मेदारी मजदूरों की दी गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरसंभव व्यवस्था की जा रही है। परिक्रमा से पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी।
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