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किसानों की महापंचायत बुलाने की बात कहकर राकेश टिकैत ने शासन-प्रशासन पर बनाया दबाव

संवाददाता सत्येंद्र सिंह लखीमपुर खीरी

*किसानों की महापंचायत बुलाने की बात कहकर राकेश टिकैत ने शासन-प्रशासन पर बनाया दबाव*

*दस दिन में समझौते पर अमल नहीं हुआ तो आंदोलन: टिकैत*

● दिल्ली के आंदोलन में जान गंवाने वालों की सूची में शामिल होंगे तिकुनिया में जिंदगी खोने वाले किसान

● कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का त्याग बेकार नहीं जाएगा।

लखीमपुर खीरी। प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के बाद किसान नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में मृतकों के परिजन और शासन के अधिकारियों के बीच सोमवार को समझौता हुआ। साथ ही राकेश टिकैत ने समझौते पर अमल करने के लिए शासन-प्रशासन को दस दिन का अल्टीमेटम दिया है। राकेश टिकैत ने तय समय में मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
तिकुनिया के एक स्कूल में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और मृतकों के परिजनों के बीच समझौते के बाद राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का त्याग बेकार नहीं जाएगा। तिकुनिया में जान गंवाने वाले किसानों की गिनती दिल्ली में आंदोलन के दौरान जिदंगी को अलविदा कहने वालों की सूची में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 750 किसानों की मौत हो चुकी है। टिकैत ने कहा कि मृतक किसानों के परिजनों का एडीजी और एसीएस की मौजूदगी में समझौता हुआ है। किसानों के परिजनों की पांच मांगों को शासन ने मान लिया है। उन पर हर हाल में दस दिन के अमल करना होगा। घायलों को दस-दस लाख का मुआवजा दिया जाना है। दस दिन से अगर ज्यादा समय बीता तो किसानों की महापंचायत होगी। आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

टिकैत को सुनने छतों पर चढ़े लोग

लखीमपुर। किसान नेता टिकैत को सुनने के लिए कालेज मे खासी भीड़ जुट गई। लोग कॉलेज की छत पर चढ़ गये। भीड़ को पहली मंजिल से हटाया गया तो वे दूसरी मंजिल की छत पर चढ़ गए। सैकड़ों लोग कॉलेज की छत पर जुट गए और जैसे ही टिकैत वार्ता कक्ष से बाहर निकले, जबर्दस्त नारेबाजी हुई।

मृतक किसान के घर पहुंच गए जयंत चौधरी

लखीमपुर खीरी। आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी तिकुनिया में प्रदर्शनकारी किसानों की मौत लखीमपुर खीरी पहुंच गए। धारा-144 को देखते हुए जयंत चौधरी घटना स्थल पर नहीं पहुंचे। जयंत चौधरी पलिया में मृतक किसान के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंच गए। पुलिस को सूचना मिलते हुए हड़कंप मच गया। पलिया के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। आरएलडी के पूर्व विधायक अशफाक ने बताया कि जयंत चौधरी तिकुनिया आ रहे थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने रास्ते में प्रोग्राम में बदलाव कर दिया। घटना स्थल पर पहुंचने की बजाय जयंत चौधरी ने मृतक किसानों के घर जाकर परिजनों से बात करने का फैसला किया। पलिया के मृतक किसान के घर पहुंचे। परिजनों से बात करके जयंत चौधरी लौट गए। उन्होंने कहा कि आरएलडी किसानों की लड़ाई को ताकत से लड़ेगी।

जल्द गिरफ्तारी होगी

एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि एफआईआर में शामिल व्यक्तियों की बहुत जल्द गिरफ्तारी होगी। कानून अपना काम करेगा। किसी भी दोषी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा। जांच निष्पक्ष तरीके से किया जाएगा।
लखीमपुर खीरी में धारा-144 लागू है। धारा-144 के मद्देनजर घटना वाले स्थान पर राजनीतिक लोगों के जाने पर पाबंदी लगाई गई है। किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को तिकुनिया आने की इजाजत नहीं है।

डीएम-एसएसपी स्कूल में काटते रहे चक्कर

तिकुनिया के स्कूल में लखीमपुर खीरी के डीएम और एसएसपी चक्कर काटते रहे। किसानों के साथ वार्ता से डीएम-एसएसपी को बाहर रखा गया था।

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