Header Ads

.

राष्ट्रीय राजमार्ग से मुख्य सड़क तक संकेतक गायब, दुर्घटना में हो रहीं मौतें


अंबेडकर नगर
*राष्ट्रीय राजमार्ग से मुख्य सड़क तक संकेतक गायब, दुर्घटना में हो रहीं मौतें*
अंबेडकरनगर: सड़क हादसों में वाहन चालकों के साथ उसपर सवार लोगों की असमय जान जा रही है। इसका कारण तेज रफ्तार वाहन चलाने के साथ सड़कों और एनएच से संकेतक का गायब होना भी है। पिछले पांच वर्ष में 1002 सड़क हादसों में कुल 553 लोग घायल हुए हैं, जबकि 675 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद जिम्मेदार लापरवाह बने हैं।राष्ट्रीय राजमार्ग हो या राज्यमार्ग या फिर मुख्य सड़क, सभी पर खतरा बराबर है। सुरक्षा की ²ष्टि से लगाए जाने वाले संकेतक या तो गायब हैं, या फिर झाड़ियों में खो गए हैं। यहां तक कि एनएच पर लगे आधुनिक एलईडी संकेतक कई माह से खराब पड़े हैं। इसके चलते रात के समय सुरक्षित यात्रा में बाधा आ रही है। आए दिन दुर्घटनाओं में वाहन चालकों की मौत के साथ कई लोग घायल हो रहे हैं। टांडा-बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग के आदमपुर तिदौली गांव के पास लगा संकेतक टूट गया है, लेकिन एनएचएआए (नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया) को इसे लगवाने की फुर्सत नहीं है। बसखारी मार्ग के एनएच 233 पर लगा एलईडी डिस्प्ले पिछले पांच माह से खराब है। बुढ़नापुर क्रासिग पर लगा संकेतक लाइट भी खराब है। दुर्घटना होने पर फोन करने के लिए बनाए गए टेलीफोन बूथ खराब पड़े हैं। किसी अप्रिय स्थिति में घायल व्यक्ति सूचना भी नहीं दे सकता। बसखारी-आजमगढ़ मार्ग स्थित डोडो गांव के पास संकेतक नहीं लगा है। इस फोरलेन पर सुरक्षित और सुविधाजनक सफर की जिम्मेदारी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की है, लेकिन वह वाहनों से महज टोल टैक्स वसूलने तक सीमित है।

No comments