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जिले के बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा की जा रही है लाखों की अवैध वसूली, जिला प्रशासन बना मूकदर्शक*


अंबेडकर नगर
*जिले के बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा की जा रही है लाखों की अवैध वसूली, जिला प्रशासन बना मूकदर्शक*
अंबेडकरनगर। जी हाँ, ऊपर मेरे द्वारा लिखा गया एक-एक शब्द कोई जुमला नहीं है, बल्कि शत-प्रतिशत सत्य है। जहाँ एक तरफ देश बेचने वाले सौदागर देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, और प्रदेश के मुखिया पीठाधीश्वर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पूरे देश का भ्रमण कर उत्तर प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त होने का दावा करते नहीं थक रहे हैं, वही दूसरी तरफ उन्ही के प्रदेश के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा खुलेआम धनउगाही कर पूरे प्रदेश में योगी महराज की जनता के बीच थू-थू कराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
वैसे हकीकत अगर देखा जाय तो ज़िले में अवैध वसूली, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार का बोलबाला काफ़ी अर्से से चला आ रहा है। किन्तु लोगों की अगर माने तो बीते वर्ष 2017 से जिले के प्रत्येक विभाग चाहें वहजिलाधिकारी के अधीनस्थ जिला प्रशासन का समस्त कार्यालय हो, मुख्य विकास अधिकारी सीडीओ के अधीनस्थ विकास भवन का लगभग 90 प्रतिशत विभाग हो, उप-सम्भागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय हो, शिक्षा विभाग हो, जिला पंचायत कार्यालय हो, नगरपालिका कार्यालय हो, या फ़िर जिले के पुलिस अधीक्षक के अधीनस्थ जिले के 95 प्रतिशत थाना, चौकी व कोतवाली हो, हर जगह, हर विभाग में खुलेआम धनउगाही, भ्रष्टाचार, व दलालों के ही वर्चस्व का विकास हुआ है। ये युक्त बातें हम नहीं बल्कि जिले के उक्त विभागों में भुक्तभोगी पीड़ित फरियादियों की चीखें बयाँ कर रही हैं। कि आज योगी आदित्यनाथ महाराज के प्रदेश मे या यूं कहें कि भाजपा शासन में किसी भी विभाग में अगर आपका कोई काम तभी सम्भव है जब आपके पास काम के बदले दाम देने की क्षमता हो, वर्ना इस योगीराज में आपके काम होने की गारंटी तो मैं नही ले सकता, किन्तु इस बात की गारंटी सौ प्रतिशत ले सकता हूँ कि जिस विभाग में आप काम कराने गये है, उस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के दुत्कार की सौग़ात आपको फ्री में मिल जाएगी।ऊपर लिखे गए शब्दों की पुष्टि के लिए हम आपको आज सिर्फ बिजली विभाग के एक विभाग का एक उदाहरण आपको बताना चाहता हूं, आपको मेरी बातों पर विश्वास न हो तो स्वयं जाकर देख लीजियेगा। जिला मुख्यालय से महज चन्द कदम की दूरी पर कटरिया याकूबपुर  पर स्थित मान्यवर कांशीराम आवास की बात छोड़िए इसके अलावा कस्बे की कॉलोनी के भीतर बने 800 आवासों में ज्यादा से ज्यादा बिजली विभाग का लीगल कनेक्शन 300 से 400 होगा, शेष लगभग 100 बिजली का कनेक्शन बिजली विभाग के लाइनमैन से लेकर उच्चाधिकारियों की सरपरस्ती में प्रतिमाह 200 रुपये से 300 रुपये लेकर चलवाया जा रहा है, ए सी का चार्ज 1000 ऊपर से लेकर 15 सो रुपए मैं कनेक्शन अवैध रूप से वितरित किया जा रहा है यही नहीं अगर हम अंबेडकर नगर जनपद के तहसील जलालपुर की बात करे तो कस्बा जलालपुर सड़क पर बनी लगभग तीन दर्जन अवैध दुकानों पर विभागीय अधिकारियों की सरपरस्ती में 500 से1 1000 रुपए प्रतिमाह लेकर अवैध बिजली कनेक्शन दिया गया है। जिसके चलते आयेदिन ओवरलोड की वजह से ट्रांसफार्मरो का फेश उड़ा रहता है, जिसकी वजह से कस्बे में निवास करने वाले लगभग 6000 के आबादी को 2-2 दिन पानी व बिजली के लिए तरसना पड़ता हैं। विभागीय सूत्र बताते है कि यहां से प्रतिमाह वसूला जाने वाला तकरीबन लाखो रुपये अकेले बिजली विभाग ही नही रखता, बल्कि उसके बंटवारे में एक हिस्सा जिला प्रशासन को भी जाता है, और एक हिस्सा जिला प्रशासन के जरिये शासन तक जाता है, ताकि अगर कोई शिकायत भी करे तो कोई कार्यवाही न हो।

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