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करोड़ों खर्च फिर भी नहीं बदली परिषदीय विद्यालयों की सूरत

*करोड़ों खर्च फिर भी नहीं बदली परिषदीय विद्यालयों की सूरत*

अम्बेडकरनगर
परिषदीय विद्यालयों में का कायाकल्प योजना से कायाकल्प करने की मंशा पर भ्रष्टाचार की काली छाया पड़ी दिखने लगी है। स्कूलों की सूरत बदलने के लिए करोड़ों रुपया पानी की तरह खर्च किया गया मगर अधिकांश विद्यालयों की स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है। स्कूलों की पड़ताल में अधिकांश स्कूलों में अभी भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।साल 2017 में प्रदेश में बनी भाजपा की सरकार ने पंचायतों को सुदृढ़ करने के लिए कई प्रयास किए। 14वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग के धन से होने वाले विकास कार्यों का दायरा बढ़ा दिया। मसलन बेसिक स्कूलों का कायाकल्प योजना के तहत कायाकल्प करने जैसी योजना शामिल कर दिया गया। जिले की 927 ग्राम पंचायतों में 14वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग से स्वीकृत धनराशि से नवीन खड़ंजा, शौचालय, नई नाली का निर्माण, विद्यालयों की मरम्मत, हैंड पाइप का निर्माण जनपद में कराया जाना है। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों की सूरते सवारने को पंचायती राज विभाग का ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 11 बिंदुओं पर स्कूलों को व्यवस्थाओं और सुविधाओं से संतृप्त किया जाना था। प्रधानाध्यापकों के प्रस्ताव पर जिले के परिषदीय विद्यालयों को योजना में शामिल किया गया था। 11 बिंदुओं पर आज आधारभूत ढांचा मजबूत करने के तहत विद्यालयों में चारदीवारी, शौचालय व अन्य निर्माण कार्य कराए जाने थे। अधिकांश स्कूलों में आधा अधूरा कार्य हुआ है।

कायाकल्प योजना में किए जाने वाले कार्य

परिषदीय विद्यालय में ब्लैक बोर्ड का इंतजाम करना। छात्र छात्राओं के लिए संख्या के अनुसार अलग-अलग शौचालय व यूनिरल का निर्माण कराना। स्वच्छ पेयजल एवं मल्टीपल हैंडवाशिंग सिस्टम के साथ जल निकासी की व्यवस्था करना। विद्यालय की दीवार, छत, दरवाजे, खिड़की और फर्श की वृहद मरम्मत कराना व टाइल्स लगाना। विद्यालय में विद्युतीकरण के साथ पंखा और लाइट लगवाना। किचन सेट का जीर्णोद्धार एवं सुसज्जित कराना। शिक्षकों छात्रों के बैठने के लिए फर्नीचर का इंतजाम करना। चारदीवारी और गेट का निर्माण कराना। विद्यालय परिसर में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगवाना कायाकल्प योजना में शामिल है।
अफसरों के सत्यापन में भी सुविधाओं का अभाव

जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन ने कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में हुए कायार्ें का सत्यापन कराया है। साथ ही स्कूलों में सुविधाओं की कमी की परख की है। बीते सोमवार को जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण और सत्यापन एक साथ एक ही समय में अफसरों के माध्यम से कराया है। अफसरों की सत्यापन रिपोर्ट में कायाकल्प योजना के कार्यों में खामी के साथ आधा-अधूरा कार्य तब होना बताया गया है जब कायाकल्प योजना के मद का पूरा पैसा खर्च हो गया है। फिलहाल जिला प्रशासन का पूरा जोर विद्यालयों में संसाधन और मूलभूत सुविधाओं की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित कराने है।

‘अधिकारियों के निरीक्षण में कुछ विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं अपेक्षित नहीं मिली है। पीने के पानी का, आवागमन का संकट मिला है। सत्यापन से खामी और कमी को दूर करने का सार्थक पहल करने का प्रयास होगा।
_भोलेन्द्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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