तहसील - सभागार, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया
अंबेडकर नगर
*तहसील - सभागार, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया*
उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2021-22 के अनुपालन में
बब्बू सारंग, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार तहसील - सभागार, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना विषय पर,
प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जारी दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत किया गया। इस विधिक साक्षरताशिविर में तहसील, अकबरपुर अम्बेडकरनगर से जे0पी0यादव०,तहसीलदार/सचिव, तहसील विधिक सेवा
समिति, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर, द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये प्रियंका सिंह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने
बताया कि कोविङ-19 में जो बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं उनके जीवन को संवारने हेतु उ0प्र0 सरकार
की तरफ से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारम्भ किया गया है। इस तत्परता का मूल उद्देश्य परेशान बच्चों
को तत्काल मदद पहुंचाना है उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है इस योजना के तहत अनाथ हुये बच्चों के
भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाओं का पूरा ख्याल शासन के द्वारा रखा जायेगा। मुख्यमंत्री बालसेवा योजना से जिन बच्चों को लाभान्वित किया जाना है उनकी श्रेणी तय कर दी गयी है। योजना में 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे शामिल किये जायेंगे जिनके जिनके माता-पिता दानों की मृत्यु कोविड-19 से हो गयी है या माता-पिता में से एक की मृत्यु मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गयी
अथवा दोनों की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड काल में हो गयी
इसके अलावा 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो और कई परिवार का मुख्य कर्ता-धर्ता हो और वर्तमान में जीवित में माता-पिता सहित परिवार की आय 2,00,000/- 09
से अधिक न हो। ऐसे लोगों को योजना में शामिल किया जायेगा। योजना के अन्तर्गत 0 से 10 वर्ष के बच्चों के
घ संरक्षक के बैंक खाते में 4,000/- रू० माह दिये जायेंगे इसके साथ ही यह शर्त होगी कि औपचारिक शिक्षा को लिये बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो समय से टीकाकरण कराया गया। और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गये हो और बाल कल्याण समिति के आदेश के तहत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गये हो
उनको कक्षा 06 से 12 वीं तक की शिक्षा के लिये अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जायेगा 11 से 18 वर्ष तक के बच्चों की कक्षा 12वीं तक की निःशुल्क शिक्षा के लिये अटलआवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवसीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा। ऐसे वैध संरक्षक को तीन माह की अवकाश अवधि के लिये बच्चों की देख-भाल के लिये प्रतिमाह 4,000/- रू0 की दर से 12,000/प्रतिवर्ष खाते में दिया जायेगें यह राशि कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की उम्र जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जायेगी।यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश दिलाना चाहते हैं तो बच्चों की देख-रेख और पढ़ाई के लिये उनको18 वर्ष का होने तक कक्षा 12 की शिक्षा पूरी होने तक 4,000/- रू0 की धनराशि दी जायेगी बशर्ते बच्चे काकिसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्यहोने तक शादी के लिये 1,01,000/- रू० दिये जायेंगे। कक्षा 09 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यवसायिकशिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टेबलेट, लैपटॉप की सुविधा दी जायेगी। ऐसे बच्चों की चल-अचलसम्पत्तियों की सुरक्षा के प्रबन्ध होंगे। उन्होंने बताया कि जिला बाल सरंक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा 15 दिन के अन्दर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर लिया जायेगा। निर्धारित प्रारूप पूर्ण रूप से भरकरऑनलाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम विकास पंचायत अधिकारी, विकासखण्ड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पर जमा करना होगा शहरी क्षेत्र में लेखपाल तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा कियेजा सकते हैं। माता-पिता की मृत्यु से 02 वर्ष के अन्दर आवेदन तथा अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुमन्य होगाl
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