श्री राम जन्मभूमि भूमि खरीद में भष्टाचार और चंदे के पैसे में घोटाले के लिए की जांच मा उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से हो - कांग्रेस अम्बेडकरनगर, 17 जून जिला कांग्रेस कमेटी अम्बेडकरनगर के अध्यक्ष अमित कुमार वर्मा "जितेन्द्र" के नेतृत्व में जिले के कांग्रेसजनों ने महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट द्वारा भारतीय नागरिकों द्वारा अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु दिये गये चंदे से भूमि की खरीद में की गयी आर्थिक अनियमितताओं की जांच माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराये जाने के सम्बन्ध में महामहिम राष्ट्रपति महोदय, जैसा कि आपके भी संज्ञान में होगा कि विगत दिनो भारतीय नागरिकों द्वारा अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण हेतु दिये गये चंदे से 12080 वर्ग मीटर भूमि (गाटा सं. 243,244,246)की खरीद में की गयी कथित आर्थिक अनियमितताओं के सम्बन्ध में सभी प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में समाचार प्रकाशित हुए हैं, भारतीय नागरिकों की आस्था के प्रतीक भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए विभिन्न सामाजिक वर्गों द्वारा दिये गये चंदे का व्यक्तिगत लाभ के लिए प्रयोग किये जाने के आरोप लग रहे हैं। चूंकि प्रस्तुत विषय भारतीय जनमानस की आस्था से जुडा हुआ है। इसलिए आपसे निवेदन है कि आप निम्न बिन्दुओ पर अपने स्तर से जांच की संस्तुति देते हुए तत्काल निर्देश जारी करने की कृपा करें। (1)-भू-राजस्व अधिकारियों ने औचित्य का प्रश्न उठाये बिना, किस व्यक्ति अथवा संस्था के दबाव में दो करोड़ रूपये में खरीदी गयी भूमि को लगभग 8§गुना अधिक मूल्य पर बैनामा कैसे होने दिया? (2)-उक्त भूमि के संबंध में खरीद और बिक्री के बैनामे पर समान गवाहों के हस्ताक्षर है। बैनामे में दर्ज गवाहों और बिक्रय करने वालों के बीच क्या व्यापारिक या व्यक्तिगत रिश्तेदारी है जिसके कारण भूमि की खरीद में परस्पर हितों के स्पष्ट टकराव की शंका हे। (3)-क्या इस भूमि के मालिकाना हक को लेकर कथित रूप से वक्फ बोर्ड मे आपत्ति दर्ज करायी गयी थी? यदि हां, तो विवादित भूमि होने के बाद भी ट्रस्ट द्वारा इस भूमि की खरीद को कैसे मंजूरी प्रदान कर दी गयी? (4)-जो व्यक्ति इस विवादास्पद भूमि की खरीद और बिक्री में सम्मिलित है वह अयोध्या में अन्य कितने मामलों में भूमि की खरीद और बिक्री में आपस में सम्मिलित रहे हैं। (5)- जिन्होंने इस भूज्ञापन देने वालो को 18.5करोड में ट्रस्ट को बेचा है, उन्होंने भूमि की बिक्री से सम्बंधित प्राप्त राशि को किन खातों में स्थानांतरित किया, या आगे किस प्रकार उपयोग किया है? (6)-उल्लिखित भूमि की खरीद के लिए क्या ट्रस्ट ने कार्य समिति की कोई बैठक बुलाकर प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें यह स्पष्ट रूप से बताया गया हो कि मात्र 2करोड की भूमि का मूल्य 18.5 करोड़ चुकाया जाना हो। जबकि सरकारी सर्किल मूल्य 5.80 करोड़ ही था? क्या किसी सदस्य ने भूमि की खरीद के अधिक मूल्य पर कोई आपत्ति दर्ज करायी थी? (7)-ट्रस्ट द्वारा खरीद की गयी भूमि के बैनामे में विगत वर्षो में किये गये बेचने का करार किये गये समझौते में कतिपय धन के लेन-देन का कोई जिक्र नहीं है, ऐसा क्यों? इसके उल्लेख के बिना किसी भी भूमि के क्रय विक्रय के पत्र शून्य माने जाते हैं। (8)-जिस भूमि की खरीद की गयी है वह श्री राम मंदिर के लिए प्रस्तावित स्थल से लगभग 2.5 किलोमीटर दूर है। मुख्य स्थल से इतनी दूर औचित्यहीन भूमि की खरीद के लिए ट्रस्ट के किसी भी जिम्मेदार सदस्य ने अपना विरोध क्यो नही दर्ज किया। ज्ञापन देने वालो मे प्रमुख रूप से जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित कुमार वर्मा "जितेन्द्र" के नेतृत्व में पूर्व जिला अध्यक्ष राम कुमार पाल, मीडिया प्रभारी डॉ विजय शंकर तिवारी, सोशल मीडिया प्रभारी संजय तिवारी, पीसीसी सदस्य दुर्गा प्रसाद पाण्डेय, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम रसूल छोटू, सुखीलाल वर्मा, रवीश शुक्ला, अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष आर पी कौशल, डा जाफर मूसा, परमानंद शर्मा, रधुनाथ पटेल,पुष्पलता, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मो जियाउद्दीन अंसारी, फिरोज अहमद किछौछवी, राजपत पटेल, शीतला प्रसाद श्रीवास्तव "सोनू", मंजीत राजभर , राजित राम वर्मा,अख्तर जमाल अंसारी, रेहाना बानो, शिमला भारती, अजय पासवान, रामानंद कन्नौजिया, राजमणि, राम जी वर्मा, राजेश प्रजापति, अख्तर अली, नंदकुमार गुप्ता "दद्दू", वी पी गौतम, मस्तराम शर्मा, गिरिजा देबी, अमिब्का प्रसाद, बृजेश कुमार यादव, वेभव पाण्डेय, रमेश चंद्रा, मस्तराम शर्मा आदि मौजूद रहे ।
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