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*यूपी: चुनाव हारने के बाद भी निभाया वादा, बनवा रहीं सड़क*

*यूपी: चुनाव हारने के बाद भी निभाया वादा, बनवा रहीं सड़क* 

उत्तर प्रदेश में जौनपुर के चुनाव में मिली हार की खीझ में कोई सड़क खोदवा दे रहा है तो कोई मतदाताओं पर भड़ास उतार रहा है। ऐसे माहौल में जौनपुर जिले के शेरवां ग्राम पंचायत की यह खबर सुकून देने वाली है। पंचायत चुनाव में हार के बाद भी प्रधान पद के प्रत्याशी अपने वादे को पूरा करने के लिए अटल हैं। वर्षों से मार्ग के लिए तरसते प्रजापति बस्ती में वह पहुंच मार्ग बनवा रही हैं। चुनाव जीतने के बाद भी प्रत्याशी अपना वादा भूल जाते हैं, तब हार के बावजूद महिला प्रत्याशी का वादा निभाने की पहल हर तरफ चर्चा में है।

अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित गांव के प्रधान पद पर निजी पशु चिकित्सक जयप्रकाश यादव की पत्नी राधिका ने दावेदारी पेश की थी। प्रचार के दौरान उन्होंने गांव की प्रजापति बस्ती के लोगों से वादा किया था कि वे चुनाव जीतें या हारें, इस बस्ती को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए सड़क जरूर बनवाएंगी। परिणाम आने पर राधिका को मायूसी मिली, लेकिन उन्हें लोगों से किया गया वादा याद रहा। नतीजे घोषित होने के तीसरे दिन ही उस बस्ती को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण कार्य शुरू हो गया है। राधिका यादव के पति पप्पू यादव बताते हैं कि वह कुछ मतों के अंतर से चुनाव हार गईं हैं, लेकिन उन्हें अपनी बात याद है।

बस्ती के सभी लोगों का आशीर्वाद उनके साथ रहा। हार-जीत होती रहती है। बताया कि गांव में लगभग 29 साल से चकबंदी लंबित है। निकट भविष्य में भी इसका निस्तारण होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में बस्ती तक जाने के लिए अपनी भूमिधरी जमीन से लगभग 200 मीटर सड़क बनवाने के लिए मिट्टी डालने का कार्य शुरू हो गया है। बाद में इस पर इंटर लॉकिंग भी करवाने की योजना है। 

*बस्ती में रहते हैं 13 परिवार*

प्रजापति बस्ती के लोक गायक संजय निर्मोही ने बताया कि गांव से गुजरने वाले पक्के लिंक रोड से उनकी बस्ती तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। तेरह घरों की उनकी बस्ती में करीब 150 लोग रहते हैं। बरसात में घर तक पहुंचने में बड़ी कठिनाई होती है। खेत के मेड़ से होकर जाना पड़ता है, लेकिन चुनाव हारने के बाद भी जिस तरह से राधिका यादव और पति जय प्रकाश ने हम लोगों के लिए दरियादिली दिखाई है, उसके लिए पूरी बस्ती के लोग उनके मुरीद हो गए हैं। हम सभी उनके लिए हमेशा समर्पित रहेंगे। बस्ती के संदीप, ओमप्रकाश, राजेश ने इस कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब हम लोगों के घर की बहू-बेटियां घर तक गाड़ियों से पहुंच सकेंगी। अब तक बस्ती के लोग किसी सदस्य की बीमारी आदि में सड़क तक डोली खटोली से मरीज को लाते रहे। चर्चा यह भी है कि इस सड़क को बनवाने की पहल निवर्तमान प्रधान प्रेमलता सिंह ने भी की थी, लेकिन कागजी तौर पर कोई चकरोड चिह्नित नहीं था, इसलिए काम नहीं हो सका।

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