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उत्तर प्रदेश में सरकार चाहे किसी की भी हो पत्रकारों की हालत बिल्कुल खरबूजे की तरह होती है

उत्तर प्रदेश में सरकार चाहे किसी की भी हो पत्रकारों की हालत बिल्कुल खरबूजे की तरह होती है।
चाहे चाकू खरबूजे पर गिरे या खरबूजा पर चाकू कटना तो खरबूजे को ही है।

उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने 2017  प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पत्रकारों के एक बात कही थी,,, आपको याद जरूर होगा...... अगर पत्रकारों के साथ कहीं मारपीट बदसलूकी होती है तो उस व्यक्ति को 3 साल की जेल होगी।
2017 से 21 तक के बीच में सैकड़ों पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार हुआ मगर क्या किसी को 3 साल की जेल हुई।
आखिर 3 साल की जेल कैसे करें कौन सी धारा है धारा तो बताना ही भूल गए।
हम सभी पत्रकारों को मिलजुल कर काम करना है संगठन का हर एक व्यक्ति पदाधिकारी अध्यक्ष है।
उपजा संगठन को आगे ले जाने में सहयोग की अपेक्षा रखता हूं।। 
अगर शरीर में जान है तो ताकत से लड़ना चाहिए,,,,, अगर वह मुर्दा है तो मरे हुए व्यक्ति से कोई अपेक्षा नहीं होती।।
क्योंकि एकता में ताकत होती है।
हमारी यही अपेक्षा है कि सही कार्य के लिए आवाज उठाइए।
कौन क्या कहता है,,, इससे मतलब नहीं.. हम क्या कर रहे हैं हमें इससे मतलब है। 
हम भरपूर सहयोग करेंगे।।।

पत्रकार एक समाज का आईना होता है समाज की ही खबरों को समाज में पारदर्शिता के साथ परोसना यह हमारा धर्म है।।।


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