एक निष्पक्ष निर्भीक पत्रकार को खतरा हर मोड़ पर बना रहता है पत्रकारिता करना नही है आसान
आज के युग में पत्रकारो की संख्या लगभग ठीक ठाक हो गई है आये दिन एक युवा पत्रकार उभर कर सामने आ रहा है वेब मीडिया का सुक्रिया करना चाहिए जो पत्रकार आज के दस साल पहले पत्रकारिता करने के लिए इधर-उधर भटकते थे आज ऐसा नही करना पड़ता न्यूज पोर्टल के माध्यम से वेबसाइट के माध्यम से यूट्यूब चैनल के माध्यम से पत्रकारिता कर रहे हैं और युवा आये दिन पत्रकारिता में रूचि भी दिखा रहे हैं पर क्या आज के तारीख में पत्रकारिता निस्वार्थ निष्पक्ष निर्भीक हो कर करना आसान है बिलकुल नही।
दिनो दिन क्राइम बढ़त बना रहा है भ्रष्टाचार चर्म सीमा पर पंहुच चुका है।
हर जगह पैसे का खेल चल रहा है हम बात करें निस्वार्थ निष्पक्ष भाव से पत्रकारिता करना तो शायद बहुत ही कम लोग होंगे जो ऐसी पत्रकारिता कर रहे हैं हर मोड़ पर ऐसे पत्रकारो पर खतरा बना रहता है तथा ऐसे पत्रकारो का लोग मजाक भी बनाते रहते हैं आज के युग में लोग कलम की लिखावट कम देखते हैं पहनावा महंगी कार मंहगी बाइक स्मार्ट पन होना जरूरी समझते हैं।
निस्वार्थ भाव से पत्रकारिता करने वाले पत्रकार पैदल साइकिल से चल कर पत्रकारिता करते हैं बहुत हिम्मत किये तो पूरानी स्कूटी या पुरानी बाइक लेकर चलते हैं नार्मल कपड़े नार्मल जूते या चप्पल पहन कर काम चला लेते हैं पर इनकी कीमत बहुत ही कम लोग समझते हैं पुलिस चौकी पुलिस थाना कोई सरकारी कार्यालय या फिर कोई आम जन ही क्यों ना हो पर वहीं जिसके पास मंहगी बाइक लग्ज़री कार ब्रांडेड कपड़े जूते महंगी मोबाइल आदि हैं उनके पहुचते लोग कुर्सी छोड़कर उठ जाते हैं।अब जरा सोचिए कि किसी निस्वार्थ निष्पक्ष भाव से पत्रकारिता कर रहे पत्रकार के साथ दुसरा ब्यवहार और एक से दुसरा ब्यवहार तो ओ ब्यक्ति क्या सोचेगा कि कास मैं भी इसी पोजीशन में होता फिर वो भी पोजीशन बनाने के चक्कर में भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं हांलाकि सब ऐसा नही करते बहुत कम ही लोग प्रभाव बनाने के लिए अपने रास्ते को बदल देते हैं।इस लेख से किसी विशेष को हमें चोट पंहुचाने का मकसद नही है सिर्फ हम मीडिया जगत को साफ सुथरी नजर से लोग देखें कोई दलाल मीडिया बिकाऊ मीडिया गोदी मीडिया ना कह सके और हमारा चौथा स्तंभ हमेशा हमेशा के लिए मजबूत बना रहे।
चौकी थाना पर तैनात पुलिस कर्मी तथा पुलिस के अधिकारी सरकारी कर्मचारी नेता अभिनेता वह आम जन भी इस बात को समझें पत्रकार के पहनावे पर ना जाके वो पुरानी बाइक साइकिल या पैदल चल रहा है ना देखकर उसकी कलम को पहचानो और उसका सम्मान करके मनोबल बढाओ ताकी उस पत्रकार को ये ना महसूस हो कि काश हमारे भी पास गाड़ी बंगला ब्रान्डेड कपड़े जूते आदि होते यदि पत्रकार के दिमाग मे ये चीज आ गया तो वो चाहकर भी निस्वार्थ निष्पक्ष भाव से पत्रकारिता नही कर पायेगा और वो भी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जायेगा फिर वही शब्द कहना पड़ेगा गोदी मीडिया बिकाऊ मीडिया दलाल मीडिया।
इस लिये हमारी मीडिया जगत बदनाम ना हो और हमारे पत्रकार भाई बहन गलत तरीके से पत्रकारिता ना करें किसी के कपड़े जूते बाइक कार से पत्रकारिता नही होती पत्रकारिता करने के लिये हिम्मत जज्बा जूनून इमानदार मेहनती होना आवश्यक होता है।
न्यूज़ 24 इंडिया लाइव से जिला ब्यूरो चीफ आशीष गोस्वामी कटरा बाजार जनपद गोंडा मोबाइल नंबर
73 797 13 1 2 3
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