*ऋग्वेद पारायण यज्ञ में धर्मज्ञाताओं ने दिए उपदेश*
कोसीकलां।पंचकुंडीय ऋग्वेद पारायण यज्ञ के पांचवें दिन विधि विधान से आहुति दी गई। वैदिक संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया गया।
नगर के नंदगांव रोड स्थित शिव मंदिर परिसर में यज्ञ के बाद मुख्य अतिथि उत्तराखंड पीठाश्वर जगतगुरु रामानुजाचार्य महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी वैदिक संस्कृति में जन्म से पूर्व व मृत्यु के उपरांत तक के सभी संस्कार निश्चित किए गए हैं। चार आश्रम, चार वर्ण व पंच महायज्ञ के अनुसार जीवन जीने से परिवार समाज व राष्ट्र में सदा उन्नति होती रहेगी। सुख शांति समृद्धि बनी रहेगी। भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र पर चलकर समस्त विश्व का कल्याण संभव है। आचार्य धर्मराज युधिष्ठिर महाराज ने अपने जीवन को उन्नत बनाने के लिए वैदिक शिक्षा पद्धति पर जोर दिया कि। इस अवसर पर कई वैदिक विद्वान उपस्थित रहें।मुख्य संयोजक विवेक उपाध्याय ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर पण्डित जगदीश सुपानिया, कन्हैयालाल गोयल, आर एन भारद्वाज, दीपक ब्रजवासी, सचिन, कपिल शर्मा, प्रदीप लोहकना, भारत शर्मा, हित हरी, भरत कटारा, आदि उपस्थित रहे।
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