Header Ads

.

अगर आपको लगता है की इस किसान आंदोलन का बातचीत से कोई हल निकलेगा तो आप धोखे में है

अगर आपको लगता है की इस किसान आंदोलन 
का बातचीत से कोई हल निकलेगा तो आप धोखे में है 
क्योंकि ये लोग यहाँ किसानों की समस्याओं को हल करने के 
लिए नहीं आए हैं बल्कि उनका जो छुपा हुआ एजेंडा है उसके लिए आये हैं
उनका षड्यंत्र आपको धीरे धीरे कुछ विडीयो 
के माध्यम से दिखाई दे रहा है कुछ लोग खालिस्तान के 
नारे लगा रहे हैं कुछ लोग पाकिस्तान के नारे लगा रहे हैं और 
कुछ लोग मोदी की क़ब्र खोदने की बात कर रहे 

फंडिंग की जो बात है तो आप इतना जान लीजिए की
की जिस प्रकार से धरने पर बैठे हुए किसानों को सुविधा मिल 
रही है वह स्पष्ट करती है की यह सुख सुविधा किसानों ने नहीं जुटायी है बल्कि इन सुविधाओं को जो किसानों को प्रदान कर रहे हैं उनका एजेंडा कुछ और है यह सारे के सारे लोग किसानों और सिखों के नाम पर ऐसे देश के आम नागरिक की भावनाओं के साथ खेलना चाहते हैं और कुछ बड़ा षड्यंत्र करना चाहते हैं 

आज तक किसान आंदोलन के नाम पर
जिन नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत की है उसमें से 
एक भी यह बताने में असमर्थ है कि ये तीनों कानूनों में किसानों के ख़िलाफ़ क्या है यह कथित किसान नेता यह भी बताने में असमर्थ है कि इन तीनों कानूनों के किस प्रावधान के माध्यम से मंडी और MSP को नुक़सान है ये किसान नेता सिर्फ़ उन तीनों कानूनों को समाप्त करना चाहते हैं और वह जानते हैं कि मोदी सरकार ने इन क़ानूनों के माध्यम से किसानों के कल्याण के लिए मुक्त बाज़ार अर्थव्यवस्था बनने की जो कोशिश की है उसे मोदी सरकार वापस नहीं लेगी इसी लिए यह किसानों के नाम पर कोई बड़ा कारनामा दिल्ली में करना चाहते हैं 
जिस प्रकार से कनाडा और दूसरे देशों के राजनेताओं के द्वारा किसान आंदोलन में हस्तक्षेप किया जा रहा है और शाहीन बाग़ में आंदोलन की कमान संभालने वाले लोग जिस प्रकार से आंदोलन में अपने आप को शामिल कर रहे हैं वह एक गंभीर ख़तरे का संकेत है 

इन किसान नेताओं ने अपनी माँगो में जो 6 नंबर की माँग रखी है उसमें मानवाधिकारवादी लोगों को जेल से छोड़े जाने की भी माँग 
की है क्या मानवाधिकारवादी लोगों की आड़ में दिल्ली के दंगों में जेल में बंद लोग भी हैं
आप सोते हुए व्यक्ति को जगा सकते हैं 
लेकिन जागा हुआ व्यक्ति है जो सोने का नाटक करे 
उसे नहीं जगा सकते हैं और किसान आंदोलन के नाम पर 
इनके दिल में छुपा एजेंडा है वह भारत विरोध है

No comments