*मनरेगा मजदूरों ने लगाए ग्राम प्रधान पर भ्रष्टाचार करने का आरोप*
अम्बेडकरनगर। ग्राम प्रधान के खिलाफ मनरेगा मजदूरो ने ग्राम सभा में व्यापक भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग जिलाधिकारी से किया है। मामला अकबरपुर तहसील क्षेत्र के ग्रामसभा बेवाना का है।जहाँ ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा 6 महीना बीतने के बाद भी मनरेगा मजदूरी ना दिए जाने पर डेढ़ दर्जन से अधिक मनरेगा मजदूरों ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए 5 बिंदुओं पर ज्ञापन देकर जांच कराने की मांग की है।
ग्रामीणो का आरोप है कि अप्रैल-मई के महीने में मनरेगा के अंतर्गत तालाब की खुदाई का कार्य किया गया जिसमें समस्त मनरेगा मजदूरों के मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। विगत 6 माह से मनरेगा मजदूर अपनी मजदूरी मांगने के लिए ग्राम प्रधान सरिता देवी व सेक्रेटरी सुनील के पास जाते हैं तो ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी यह कहते हुए मना कर देते हैं कि क्या तुम सब को काम करने के लिए हम बुलाए थे यदि पैसा नहीं दूंगा तो तुम सब क्या कर लोगे।
जिसके के संबंध में मजदूरों ने तहसील दिवस पर भी शिकायती पत्र दिया था। लेकिन फिर भी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि इतना ही नहीं ग्राम प्रधान के द्वारा और भ्रष्टाचार ग्रामसभा में किया गया है। ग्राम पंचायत बेवाना में मोहिद्दीन के घर से पचेड़ा माता देवस्थान तक खड़ंजा कार्य में पुराने मदरसे की टूटे-फूटे ईटो का प्रयोग करके लाखों का गमन ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की मिलीभगत से किया गया है
तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जिनके पास रहने के लिए पक्का मकान और हर तरीके से सक्षम है उनको ग्राम प्रधान के द्वारा आवास आवंटित किया गया है और जो गरीब ग्रामीण अपना जीवन यापन छप्पर के नीचे कर रहे हैं उनको अमीर दिखाकर आवास से वंचित कर दिया गया है। मजदूरों ने प्राइमरी पाठशाला पर बने बाउंड्री वाल तथा ग्राम पंचायत द्वारा कराये गये सभी कार्यो की जाँच कराने की मांग किया है।
जिसमें संतोष कुमार, मुन्नीलाल, खुशहाल, मीरा देवी, सोना, संगीता, शिव कुमारी, श्रीमती, विमला, मंती, सिंगारी, रमेश, सुशीला, रामाशंकर आदि मनरेगा मजदूर उपस्थित रहे। वही जब मनरेगा मजदूरी को लेकर सेक्रेटरी सुनील दुबे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोगों का भुगतान कर दिया गया है जिनका भुगतान नहीं हुआ है जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा।
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