*शुद्घ पेयजल को तरस रहे दशकों पहले शहरी बने टांडा नगर के बाशिंदे*
अम्बेकरनगर_टांडा नगर पालिका परिषद के 100 वर्ष से अधिक का समय पूरा होने के बावजूद भी नगरवासी शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं। नगर पालिका के 25 वार्डों में से मुबारकपुर मोहल्ले के तीन वार्ड के लोगों के लिए जलापूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रत्येक साल विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने वाली पालिका केवल नाली, खड़ंजा, नाला, सड़क व स्ट्रीट लाइट तक ही सीमित है। पेयजल आपूर्ति की कोई ठोस योजना नहीं बना पा रही है। नगर के अन्य 22 वार्डों में भी बड़ी आबादी पानी सप्लाई होने के बाद भी शुद्ध पेयजल से महरूम है। लोग अपने निजी हैंडपंपों और सबमर्सिबल के माध्यम से पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।टांडा नगर भले ही शहरी दर्जा मिलने के 100 वर्ष पूरा कर चुका है, लेकिन यहां नागरिक सुविधाओं की दरकरा आज भी बनी हुई है।नगर पालिका परिषद ने मनमाने तरीके से गृहकर व जलकर तो नागरिकों पर लागू कर दिया, लेकिन लोगों के लिए बेहतर पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था नहीं बना पायी। मनमानी का आलम यह कि गृहकर से ज्यादा जलकर लगाया गया है। मोहल्ला मुबारकपुर में वाटर सप्लाई की पाइपलाइन न होने के कारण जलकर तो नहीं लागू है, लेकिन नगर के 22 वार्डों में गृहकर के साथ जलकर भी लागू है। इसका विरोध आज भी नागरिकों को जारी है। जिस भवन में पालिका का वाटर सप्लाई कनेक्शन नहीं है। उस पर भी लगाये गये टैक्स का निस्तारण न होने से नागरिक पालिका के रिकार्ड में बकायेदार बनते जा रहे हैं। बताते चलें कि ब्रिटिश हुकुमत में वर्ष 1916 में फैजाबाद और टांडा नगर पालिका का गठन एक साथ हुआ था, और दोनों को ए श्रेणी का दर्जा प्राप्त हुआ। नगर पालिका परिषद टांडा अपने 100 वर्ष से अधिक का समय पूरा करने के बाद भी नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।
*रिपोर्ट दिलीप कुमार भास्कर जिला संवाददाता न्यूज 24 इंडिया अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश*
Post a Comment