Header Ads

.

अंबेडकर नगरसुरक्षित यातायात की आधारभूत संरचना का विकास अंबेडकर नगर जिले में अब तक नहीं हो सका

*यातायात की आधारभूत संरचना जरूरी*

 अंबेडकर नगर
सुरक्षित यातायात की आधारभूत संरचना का विकास अंबेडकर नगर जिले में अब तक नहीं हो सका। इसी का परिणाम है कि परिवहन विभाग व पुलिस महकमा अपने दायित्व का निर्वाह आधे-अधूरे मन से कर रहा है। यूं कहें कि सिर्फ कानूनी डंडे के बल पर यातायात नियमों के अनुपालन की कवायद की जा रही है। ऐसे में सुरक्षित व सुगम यातायात की संभावना फिलहाल दूर की कौड़ी है।
यातायात के संसाधनों की दृष्टि से शहर की सड़कों पर नजर डालते ही तस्वीर साफ हो जाती है। शहर में शायद ऐसी कोई भी सड़क नहीं जिसे आवागमन के लिहाज से सुरक्षित कहा जा सके। कुछ ऐसे ही हालात चौराहे के भी हैं। किसी भी चौराहे पर न तो आइलैंड का निर्माण हो सका है और न ही उनका तकनीकि विकास किया जा सका है। यहां तक कि अधिकांश सड़कों की पटरियां भी चलने योग्य नहीं हैं। यही वजह है कि समूचा शहर प्रतिदिन जाम में फंसा रहता है। रही बात संसाधन की तो ट्रैफिक पुलिस की संख्या जिम्मेदारी के सापेक्ष काफी कम है। समूचे जिले की ट्रैफिक संभालने का भार एक दर्जन पुलिस कर्मियों पर है।  ऐसे में पुलिस कर्मी यातायात नियमों के अनुपालन के प्रति ट्रैफिक पर वह असर नहीं डाल पाते, जिससे कि हादसे टाले जा सकें। यही वजह है कि ट्ैफिक पर पुलिस का रत्तीभर प्रभाव नहीं होता। पुलिस की हनक सड़क पर दिखती ही नहीं। ट्रैफिक पुलिस की समूची ऊर्जा का क्षय सिर्फ जाम से पार पाने में जाया होता है। रही बात परिवहन विभाग व ट्रैफिक पुलिस द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाने की तो इसका जैसे-तैसे निपटारा किया गया। परिवहन विभाग सिर्फ राजस्व वसूलने तक ही खुद की जिम्मेदारी को समेटे हुआ है। विभागीय अफसर अब तक ऐसी कोई ठोस पहल नहीं कर सके, जिससे लगे कि यातायात को सुगम बनाने की उनकी कोशिश रंग लाएगी।

No comments