*जल संरक्षण के लिए उपयुक्त माने जाने वाले तालाब अनदेखी के चलते अस्तित्व खो रहे 80 अ कुंड तालाब सहजादपुर*
*जल संरक्षण के लिए उपयुक्त माने जाने वाले तालाब अनदेखी के चलते अस्तित्व खो रहे 80 अ कुंड तालाब सहजादपुर*
अंबेडकरनगर 10 दिसंबर : जल संरक्षण के लिए उपयुक्त माने जाने वाले तालाब अनदेखी के चलते अस्तित्व खो रहे हैं। कोर्ट के आदेश और शासन के निर्देश हवा हवाई साबित होने से तालाबों पर धड़ल्ले से कब्जे हो रहे हैं। ऐसे में तालाबों को बचाने का संकट खड़ा हो गया है। जल संचयन के उपाय कागजों तक सीमित होने से हालात बिगड़ रहे हैं। भूगर्भ जल के अंधाधुंध दोहन तथा जल संरक्षण की अनदेखी से जलस्तर में लगातार गिरावट हो रही है। हाइड्रॉलाजिस्ट लक्ष्मीचंद्र के अनुसार वर्ष 2005 में भूगर्भ जल स्तर में 70 सेमी से लेकर एक मीटर तक गिरावट दर्ज होने के बाद विभाग ने किसी भी तालाब को मुक्त नहीं कराया है इन स्थलों पर जल स्तर में गिरावट के खुले संकेत मिल रहे हैं। जल संरक्षण के प्रमुख स्त्रोतों पर हो रहे कब्जों की अनदेखी से पानी की समस्या विकराल होती जा रही है। नगर पालिका परिषद अकबरपुर में फौवारा तिराहा सहजादपुर अकबरपुर अंबेडकरनगर कुंड तालाब 80 अ तालाबों का अस्तित्व तो लगभग खत्म हो चुका है। तालाब की भूमि पर धड़ल्ले से कब्जे हो रहे हैं। कमोवेश यही हालत सभी वार्डों में है नगर पालिका परिषद में भी है। तालाबों की भूमि पर पक्के निर्माण होने से अस्तित्व खतरे में हैं। प्रमुख तालाब अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट व शासन के आदेशों के बाद भी तालाबों पर कब्जों की अनदेखी से प्रशासनिक कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा है।
कब्जों से जल संरक्षण के प्रमुख स्त्रोत तालाबों पर संकट मंडरा रहा है।
Post a Comment