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दिवाली : धनतेरस, लक्ष्मी और गणेश पूजन का जाने शुभ मुहूर्त ज्योतिषाचार्य आनंद शास्त्री से


12-13 नवंबर को मनायी जायेगी धन्वंतरि जयंती।

खरीदारी के कुल 3 शुभ मुहूर्त

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन्वंतरि जयंती है. इस दिन धन त्रयोदशी और धनतेरस मनाया जाता है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान आज ही के दिन धन्वंतरि देव अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे. इनका पूजन करने से आरोग्यता की प्राप्ति होती है. इस दिन धातु की वस्तुओं की खरीदारी सुख-संपन्नता का कारक माना जाता है.

त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ गुरुवार, 12 नवंबर की रात्रि 6:30 बजे से हो रहा है. जो शुक्रवार 13 नवंबर की शायं 4:11 बजे तक रहेगी. इसलिए 12 नवंबर की रात्रि 6:30 बजे के बाद से धनतेरस को लेकर खरीदारी की जा सकती है.

वास्तव में धनतेरस में उदयाकालीन तिथि लेना श्रेयस्कर माना जाता है, जो कि शुक्रवार,13 नवंबर को है. 13 नवंबर को खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:59 से 10:06 बजे, 11:08 से 12:51 बजे और दिवा 3:38 से संध्या 5:00 बजे तक है.
  राशि के अनुसार करें इन वस्तुओं की खरीदारी, घर में धन-वैभव और सुख-समृद्धि का होगा वास 

13 नवंबर
सुबह 5:59 से 10:06 बजे,
11:08 से 12:51 बजे
दिवा 3:38 से संध्या 5:00 बजे तक
 यम को दीपदान सायंकाल

 महाशिवरात्रि व्रत तथा नरक चतुर्दशी

राशि के अनुसार करें धनतेरस की खरीदारी
मेष: सोना-चांदी की वस्तु, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, जमीन-जायदाद. वाहन की खरीदारी से बचें
वृषभ : चांदी, हीरा, जमीन-जायदाद, फिक्स डिपॉजिट, वाहन आदि
मिथुन : जमीन-जायदाद, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, सोना व चांदी
कर्क: सोना-चांदी की वस्तु या आभूषण, शेयर मार्केट में निवेश, जमीन-जायदाद
सिंह : सोना, तांबा, फिक्स डिपाजिट, शेयर बाजार आदि में निवेश, लकड़ी के फर्नीचर
कन्या : सोना व चांदी, इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, जमीन-जायदाद
तुला : चांदी, फिक्स डिपाजिट. शेयर बाजार से दूर रहें, वाहन की खरीदारी से बचें
वृश्चिक : सोना- चांदी, जमीन-जायदाद, किसी भी प्रकार का निवेश
धनु : सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, शेयर बाजार, जमीन-जायदाद
मकर : चांदी, जमीन-जायदाद, इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, स्टील के फर्नीचर
कुंभ: सोना, फिक्स डिपाजिट. चांदी, वाहन की खरीदारी से बचें
मीन : हर प्रकार की खरीदारी एवं निवेश श्रेयस्कर रहेगा।

दिवाली में शुभ मुहूर्त और महत्त्व


 पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दिवाली के दिन धन और ऐश्वर्य की माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। हालांकि इस साल मलमास के कारण दिवाली में विलंब है। जिसके कारण दिवाली की तारीख को लेकर लोगों के बीच भ्रम है। 

 शुभ मुहूर्त-

इस साल कार्तिक मास की अमावस्या 14 नवंबर 2020 को पड़ रही है। अमावस्या तिथि 14 नवंबर से प्रारंभ होकर दोपहर 1बजकर 49 मिनट से अगले दिन 15 नवंबर को सुबह 11 बजकर 27मिनट तक रहेगी। ऐसे में दिवाली 14 नवंबर को मनाई जाएगी।


लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 

प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 8 बजकर 07 मिनट तक
वृषभ काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 7 बजकर 24 मिनट तक 
चौघड़िया मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजन-
दोपहर में लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 14 नवंबर की दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से शाम को 04 बजकर 07 मिनट तक।
शाम में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त- 14 नवंबर की शाम को 05 बजकर 28 मिनट से शाम 07 बजकर 07 मिनट तक।
रात में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त- 14 नवंबर की रात 08 बजकर 47 मिनट से देर रात 01 बजकर 45 मिनट तक।
प्रात:काल में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त- 15 नवंबर को 05 बजकर 04 मिनट से 06 बजकर 44 मिनट तक।
प्रातः यम तर्पण तथा हनुमत दर्शन अवश्य करें
 शेष रात्रि दरिद्रनिस्सारण
 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम लंका विजय कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या लौटे थे। तब अयोध्या का हर घर दीपक और रोशनी से जगमगा उठा था। अयोध्यावासियों ने भगवान राम के घर लौटने की खुशी में घर को दीपों से सजाया था। तब से हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली या दीपावली का त्योहार मनाया जाता है।

✍️रोहित नंदन मिश्र 

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