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प्रधानी का चुनाव गांव की राजनीति में सबसे अहम स्थान रखता है।


 
पंचायत चुनाव समय पर होने की पूरी संभावना है। सरकार ने इसकी तैयारियां शुरू करा दी हैं। अगले सप्ताह वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का काम शुरू कराए जाने की तैयारी चल रही है वहीं ग्राम पंचायतों के अभिलेखों को जमा करने का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा। 
प्रधानी का चुनाव गांव की राजनीति में सबसे अहम स्थान रखता है। इस बार के चुनाव में लॉकडाउन का भी बड़ा रोल होगा। लॉकडाउन के दौरान ग्राम पंचायतों के प्रधानों और संभावित उम्मीदवारों ने प्रवासियों की खूब आवभगत की है जो अभी भी जारी है। प्रधानों ने मनरेगा तथा अन्य योजनाओं से प्रवासियों को अपने पक्ष में करने का खाका तैयार किया है। वहीं संभावित उम्मीदवारों ने भी प्रवासियों को लुभाने के लिए मदद की पेशकश की है। खाने-पीने का ख्याल भी रखा गया है। प्रधानी के चुनाव की आहट ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन के दौरान शुरू हो गई थी जो अब प्रशासनिक तैयारियां शुरू होने से और तेज हो जाएंगी।पंचायत चुनाव के साथ ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव भी होंगे। 
क्षेत्र पंचायत के चुनाव भी साथ में होते रहे हैं लेकिन इस बार सरकार ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे वोटर से कराने के प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है। 
 ग्राम पंचायतों में अभिलेखों को स्वच्छ रखने के लिए अभिलेखागार बनाने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान प्रधानों का कार्यकाल नवंबर में खत्म होना है। चुनावी प्रक्रिया में सबसे पहले वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम शुरू होगा।

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