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इस वर्ष शुभ मुहूर्त में अपने भाई को बांधें राखी :-

शुभ मुहूर्त में अपने भाई को बांधें राखी :- 

इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार 3 अगस्त 2020 यानी कल मनाया जाएगा। यह भाई-बहनों का पवित्र पर्व है। रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। जहां बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं, भाई बहन को उनकी रक्षा करने का वचन देता है। इस वर्ष रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार को पड़ रहा है।  
शुभ मुहूर्त में अपने भाई को बांधें राखी

इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार 3 अगस्त 2020 यानी कल मनाया जाएगा। यह भाई-बहनों का पवित्र पर्व है। रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। जहां बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं, भाई बहन को उनकी रक्षा करने का वचन देता है। इस वर्ष रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार को पड़ रहा है।  

 शुभ मुहूर्त 


पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 2 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 28 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी।

रक्षाबंधन का समय- सुबह 09:28 से 9:14 तक

दोपहर का मुहूर्त- 1:46 से 4:26 तक

प्रदोष काल मुहूर्त- 7:06 से 9:14 तक।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 3 अगस्त की रात 9 बजकर 27 मिनट पर पूर्णिमा का समापन होगा।

कहते हैं भद्रा के समय राखी नहीं बांधनी चाहिए। बता दें कि भद्रा जब सूर्य की पुत्री हैं। ये इस बार रक्षाबंधन के दिन सुबह 9.29 बजे तक रहेगी। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र इस बार सोमवार को सुबह 7.20 बजे तक है। इसके बाद श्रावण नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इस दिन सुबह 9 से 10.30 बजे तक शुभ, दोपहर 1.30 से 3 बजे तक चर, दोपहर 3 से 4.30 बजे तक लाभ, शाम 4.30 से 6 बजे तक अमृत एवं शाम 6 से 7.30 बजे तक चर का चौघड़िया रहेगा।  


शास्त्रीय विधान के मुताबिक, रक्षाबंधन का त्यौहार अगर भद्रा रहित समय में मनाया जाए तो ही बेहतर रहता है।  ऐसा कहा गया है- भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी……। अतः  शास्त्रों के अनुसार  भद्रा काल में यह त्यौहार मनाना पड़े तो भद्रा पुच्छ काल में ही पर्व मनाएं। भद्रा मुख में त्यौहार न मनाएं। 

पं -: रोहित नंदन मिश्र
 शुभ मुहूर्त 


पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 2 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 28 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी।

रक्षाबंधन का समय- सुबह 09:28 से 9:14 तक

दोपहर का मुहूर्त- 1:46 से 4:26 तक

प्रदोष काल मुहूर्त- 7:06 से 9:14 तक।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 3 अगस्त की रात 9 बजकर 27 मिनट पर पूर्णिमा का समापन होगा।

कहते हैं भद्रा के समय राखी नहीं बांधनी चाहिए। बता दें कि भद्रा जब सूर्य की पुत्री हैं। ये इस बार रक्षाबंधन के दिन सुबह 9.29 बजे तक रहेगी। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र इस बार सोमवार को सुबह 7.20 बजे तक है। इसके बाद श्रावण नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इस दिन सुबह 9 से 10.30 बजे तक शुभ, दोपहर 1.30 से 3 बजे तक चर, दोपहर 3 से 4.30 बजे तक लाभ, शाम 4.30 से 6 बजे तक अमृत एवं शाम 6 से 7.30 बजे तक चर का चौघड़िया रहेगा।  


शास्त्रीय विधान के मुताबिक, रक्षाबंधन का त्यौहार अगर भद्रा रहित समय में मनाया जाए तो ही बेहतर रहता है।  ऐसा कहा गया है- भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी……। अतः  शास्त्रों के अनुसार  भद्रा काल में यह त्यौहार मनाना पड़े तो भद्रा पुच्छ काल में ही पर्व मनाएं। भद्रा मुख में त्यौहार न मनाएं। 

पं -: रोहित नंदन मिश्र

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