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14वें वित्त आयोग के प्रशासनिक एवं तकनीकी मद के खाते का मामला◆ कटेहरी में सामने आ चुका है 96 लाख का घोटाला◆ डीएम के निर्देश पर हो रही है जांच

14वें वित्त आयोग के प्रशासनिक एवं तकनीकी मद के खाते का मामला


◆ कटेहरी में सामने आ चुका है 96 लाख का घोटाला


◆ डीएम के निर्देश पर हो रही है जांच


अम्बेडकर नगर, 25 जून । जिले के कटेहरी विकास खण्ड में 14वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि के प्रशासनिक एवं तकनीकी मद में हुए 96 लाख रूपये से अधिक के घोटाले की आंच जिले के अन्य विकास खण्डों पर भी पड़ती देखी जा रही है। उपनिदेशक पंचायत अयोध्या मण्डल ने जहां पूरे मण्डल के सभी विकास खण्डों में इस मद से संचालित खातों से आहरण पर रोक लगा दी है वहीं जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र के सख्त रूख के कारण सभी विकास खण्डों में जांच प्रक्रिया तेज हो गई है। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के टाण्डा एवं जहांगीरगंज विकास खण्ड को छोड़कर अन्य सात विकास खण्डों में इस मद के खाते का एकल संचालन होता पाया गया है। शासनादेश को दरकिनार कर जिले में जिस प्रकार से पंचायत विभाग के अधिकारियों ने मनमानी की, उसकी नजीर शायद ही कहीं देखने को मिले। जिला पंचायत राज अधिकारी व खण्ड विकास अधिकारियों ने विकास खण्डों में चल रहे इस खेल पर कभी भी नजर डालने की आवश्यकता नही समझी। बताया तो यहां तक जाता है कि 14वें वित्त आयोग की धनराशि को डीपीआरओ कार्यालय से ब्लाक तक भेजे जाने व ब्लाक से ग्राम पंचायतों में भेजे जाने के लिए जमकर कमीशनबाजी की जाती है। इस मद की धनराशि से ग्राम सभाओं में पक्का काम किया जाता है लेकिन इस मद को पंचायत राज विभाग के लिए दुधारू गाय समझा जाता है। फिलहाल जिले में इस मद में व्यापक घोटाले का मामला सामने आने की संभावना है। जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने स्वीकार किया कि सात विकास खण्डों में खातों का संचालन एकल पाया गया है जिससे आहरित की गई धनराशि की जांच की जा रही है।

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