लॉकडाउनः आगरा बेकरी कारोबार का शटर गिरा, कामगार बेरोजगार, पांच करोड़ नुकसान में व्यापार
लॉकडाउन ने बेकरी कारोबार का शटर गिरा दिया है। इन 70 दिनों के दौरान कारोबारी औसतन पांच करोड़ रुपये का नुकसान झेल चुके हैं। बेकरी कारोबार के अंतर्गत केक, पेस्ट्री, टोस्ट, स्नेक्स, कुकीज, बिस्किट, ब्रेड जैसे उत्पाद आते हैं। खास बात है इनकी मियाद अधिक समय तक नहीं रहती है। यही वजह है लॉकडाउन की अवधि लंबी खिंचने के कारण काफी सारा माल खराब हो गया।
इधर, बिक्री से भी हाथ धोना पड़ा। आगरा से झांसी, डबरा, ग्वालियर, दतिया की तरफ जाने वाला सामान नहीं जा पाया। इसके अलावा कारीगरों के तमाम खर्च भी वहन करने पड़े। इन्हें छोड़ने का मतलब आगे कारोबार पर भी ताला लगाने जैसा है।
सप्लाई भी बंद
कारोबारी बताते हैं कि तालाबंदी के दौरान जोमैटो के माध्यम से सप्लाई शुरू हुई थी। इसे भी बंद करा दिया गया। जिससे तैयार माल खराब हो गया।
इधर, बिक्री से भी हाथ धोना पड़ा। आगरा से झांसी, डबरा, ग्वालियर, दतिया की तरफ जाने वाला सामान नहीं जा पाया। इसके अलावा कारीगरों के तमाम खर्च भी वहन करने पड़े। इन्हें छोड़ने का मतलब आगे कारोबार पर भी ताला लगाने जैसा है।
सप्लाई भी बंद
कारोबारी बताते हैं कि तालाबंदी के दौरान जोमैटो के माध्यम से सप्लाई शुरू हुई थी। इसे भी बंद करा दिया गया। जिससे तैयार माल खराब हो गया।
माल का नुकसान तो उठाया ही साथ ही लंबे समय तक बंदी के कारण सामान को ठंडा करने वाली मशीनें जंग लगने से खराब हो गई। - कमल छाबड़िया, कारोबारी।
बाहर की पार्टी से काम बंद
तालाबंदी में बाहर की पार्टी से काम बंद हो गया। अन्य शहरों में भी सामान की आपूर्ति ठप पड़ गई। आगे भी हालात ठीक होने में समय लग सकता है। - किशोर बुधरानी, कारोबारी।
कारीगरों का उठना पड़ा खर्च
लॉकडाउन के कारण काफी माल खराब हो गया। इनकी मियाद काफी कम होती है। इधर, कारीगर का भी पूरा खर्च उठाना पड़ा। रोहित वाधवानी, कारोबारी।
पांच बजे दुकान बंद करने का नियम ठीक नहीं
सबको मिलाकर औसतन पांच करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है। वहीं, शाम पांच बजे तक दुकान खुलने का नियम भी ठीक नहीं है। क्योंकि शाम को ही बिक्री शुरू होती है। - संदीप, कारोबारी।
बाहर की पार्टी से काम बंद
तालाबंदी में बाहर की पार्टी से काम बंद हो गया। अन्य शहरों में भी सामान की आपूर्ति ठप पड़ गई। आगे भी हालात ठीक होने में समय लग सकता है। - किशोर बुधरानी, कारोबारी।
कारीगरों का उठना पड़ा खर्च
लॉकडाउन के कारण काफी माल खराब हो गया। इनकी मियाद काफी कम होती है। इधर, कारीगर का भी पूरा खर्च उठाना पड़ा। रोहित वाधवानी, कारोबारी।
पांच बजे दुकान बंद करने का नियम ठीक नहीं
सबको मिलाकर औसतन पांच करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है। वहीं, शाम पांच बजे तक दुकान खुलने का नियम भी ठीक नहीं है। क्योंकि शाम को ही बिक्री शुरू होती है। - संदीप, कारोबारी।
*रिपोर्ट | भोवन सिंह रिपोर्टर आगरा*
( *NEWS 24 INDIA न्यूज चैनल*)
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