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विश्व तंबाकू निषेध दिवस: मुंह के कैंसर से बचना है तो आज ही छोड़ दें सिगरेट-बीड़ी, गुटखा पान मसाला, तंबाकू से 52 फीसदी को हो रहा मुंह का कैंसर40 से 50 साल की उम्र के सबसे ज्यादा मरीजएसएन के कैंसर रोग विभाग की स्टडी में सामने आई यह हकीकत

आगरा जानलेवा कैंसर बीमारी की सबसे बड़ी वजह तंबाकू सेवन है। एसएन (सरोजिनी नायडू) मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की स्टडी में सामने आया है कि कैंसर के कुल मरीजों में 52 फीसदी को ये बीमारी तंबाकू के सेवन से मिली। इन मरीजों में 85 फीसदी गाल, जीभ की जड़ का कैंसर के मरीज हैं। चिकित्सकों ने बताया कि मुंह-गले के कैंसर से बचाव का एक ही तरीका है कि तंबाकू-पान मसाला का शौकिया भी इस्तेमाल न करें।
 
एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग ने 2019 में ओपीडी में आए 1500 मरीजों पर यह स्टडी की। 780 मरीजों में मुंह और गले का कैंसर मिला। इनमें 90 प्रतिशत पुरुष और दस प्रतिशत महिलाएं थीं। 20 से 50 साल के मरीज पान मसाला, तंबाकू, गुटका के आदी पाए गए।  
51 से अधिक उम्र के लोगों को बीड़ी की लत से कैंसर हुआ। 16 फीसदी मरीज बीडी, सिगरेट, पान मसाला और तंबाकू का शौक करते थे। चिकित्सकों ने पाया कि 50 की उम्र तक के मरीजों में गाल, जीभ का कैंसर सबसे ज्यादा था। इससे अधिक उम्र के लोगों में गले, खाने की नली का कैंसर था। 

रोजाना आठ से 12 पाउच तंबाकू खा रहे मरीज: डॉ. सुरभि गुप्ता

कैंसर रोग विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुरभि गुप्ता का कहना है कि मुंह के कैंसर के मरीजों से पूछताछ में पता चला कि वे औसतन रोजाना आठ से 12 पाउच तंबाकू-पान मसाला खा जाते हैं। बीते आठ-दस साल पहले की बात करें तो 50 से 60 साल के मरीज सबसे ज्यादा मिलते थे, अब 40 से 50 की उम्र के मरीज ज्यादा हैं। 

घटिया तंबाकू, सुपारी से जख्मी हो रहा मुंह: डॉ. संदीप अग्रवाल

आगरा कैंसर सोसायटी के सचिव डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि तंबाकू में 70 से अधिक घातक तत्व होते हैं जो कैंसर, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग समेत नौ गंभीर बीमारियों को जन्म देती हैं। अभी बाजार में घटिया तंबाकू, सुपारी और सिंथेटिक कत्थे से बना पान मसाला खूब आ रहा है, इससे कैंसर की आशंका तीन गुना तक बढ़ गई है।   

ये हैं आंकड़े

41-50 वर्ष के सबसे अधिक मरीज
20 से 30 की उम्र के मरीज 04 प्रतिशत
31 से 40 की उम्र के मरीज 18 प्रतिशत
41 से 50 की उम्र के मरीज 35 प्रतिशत
51 से 60 की उम्र के मरीज 25 प्रतिशत
61 से अधिक उम्र के मरीज 18 प्रतिशत

कैंसर की ये है शुरुआत

- मुंह का कम खुलना, चबाने में दिक्कत होना।
- मुंह में लाल, सफेद और काले धब्बे होना।
- एक महीने से अधिक समय तक छाला ठीक नहीं होना
- गर्दन में गांठें उभर आना।
*रिपोर्ट | भोवन सिंह रिपोर्टर आगरा*
( *NEWS 24 INDIA न्यूज चैनल*)

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